कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय एक बार फिर झूठ बोलते हुए पकड़े गए हैं। हुआ यूं है कि अमित मालवीय ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया था और कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के जूते के फीते बांध रहे हैं। मालवीय ने कहा था कि क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इसी परिपाटी की बात कर रहे थे।
उनका ट्वीट सामने आने के बाद भंवर जितेंद्र सिंह ने उन्हें जवाब दिया और कहा कि सत्ताधारी बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख का यह ट्वीट पूरी तरह झूठा और मानहानि करने वाला है।
भंवर जितेंद्र सिंह ने इस मामले में एक वीडियो जारी कर कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में चलने के दौरान उनके जूते के फीते खुले हुए थे और उन्हें इसका पता नहीं था।
As incharge of ruling BJP’s National Info Dept your tweet is a complete lie and defamatory.
— Jitendra Singh Alwar (@JitendraSAlwar) December 21, 2022
The fact is that after being pointed out by Rahul ji upon my request he paused briefly so that I could tie my own shoe laces.
Delete the tweet and apologise to RG or face legal action https://t.co/HDXVii09bg
भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा, “राहुल गांधी ने मुझे आवाज दी और बताया कि तुम्हारे जूते के फीते खुले हुए हैं, आप गिर जाओगे। मैंने राहुल गांधी से कहा कि आप 2 मिनट रुक जाइए क्योंकि पीछे से भीड़ आ रही है। इसके बाद राहुल गांधी रुक गए, मैंने अपने जूतों के फीते बांधे और मैं आगे बढ़ गया।”
मानहानि के मुकदमे की चेतावनी
भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी वालों को यह नहीं पता है कि राहुल गांधी ने जो जूते पहने हैं उसमें फीते ही नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले परेशान होकर इस तरह की झूठी बातों को चला रहे हैं। भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि अमित मालवीय को इस पोस्ट को डिलीट करना चाहिए और राहुल गांधी से माफी मांगनी चाहिए, वरना मैं इस मामले में मानहानि का मुकदमा करूंगा।
Hey fake news peddler @amitmalviya here’s a pic of Rahul Gandhi Ji’s shoe, which is laceless!!
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 21, 2022
You have been caught lying yet again, but since you are authorised by BJP Prez JP Nadda and PM Modi to lie everyday - all 3 of you owe an apology to @RahulGandhi
STOP LYING pic.twitter.com/qCylAXwFZ8
पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे पर विवाद
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही नवंबर में अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा था कि मध्य प्रदेश के खरगोन में इस यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे। उन्होंने इसका वीडियो भी ट्वीट किया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने भी इस वीडियो को लेकर कांग्रेस और उसकी भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधा था।
लेकिन कांग्रेस ने कहा था कि उसके वीडियो से छेड़छाड़ की गई है और पार्टी इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा को बदनाम करने के लिए वीडियो से छेड़छाड़ की जा रही है और पार्टी इसका जवाब देगी।
After Richa Chaddha’s public application to join Rahul Gandhi’s Bharat “Jodo” Yatra, “Pakistan Zindabad” (listen towards the end of the video) slogans raised in Khargon.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 25, 2022
INC MP posted the video and then deleted it after the faux pas came to light.
This is Congress’s truth… pic.twitter.com/ZkVEkd4pCf
'मैनिपुलेटेड मीडिया'
अमित मालवीय की सोशल मीडिया पर कई बार फ़ेक न्यूज़ या फेक फोटो शेयर करने के लिए आलोचना की जाती रही है। दो साल पहले ट्विटर ने उनके द्वारा ट्वीट की गई एक तसवीर पर 'मैनिपुलेटेड मीडिया' लिख दिया था। इसका मतलब था कि ट्विटर ने मान लिया था कि उस तसवीर के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
उससे पहले भी अमित मालवीय के कई ट्वीट को फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़', 'न्यूज़लाउंड्री इन्वेस्टिगेशन' और दूसरी वेबसाइटें फ़ेक बता चुकी हैं।
अमित मालवीय ने कई बार बिना किसी आधार के ही या बिना जांच पड़ताल किए सोशल मीडिया पर वीडियो या मैसेज शेयर किए हैं। साल 2020 में 15 जनवरी को मालवीय ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बारे में दावा किया था कि वे पैसे लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 'ऑल्ट न्यूज़', 'न्यूज़लाउंड्री इन्वेस्टिगेशन' ने इन आरोपों को निराधार बताया था।
दिसंबर, 2019 को मालवीय ने लखनऊ में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया था कि वे 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगा रहे थे।
Since this is a season of pulling out old videos, here is one from Lucknow where anti-CAA protestors can be seen raising ‘Pakistan Zindabad’ slogans... Damn! Someone needs to have a samvaad with them and ask them to carry tricolour and Bapu’s picture for the cameras next time... pic.twitter.com/Lvg7sj2G9Z
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 28, 2019
'ऑल्ट न्यूज़' ने इस दावे को झूठा पाया था। प्रदर्शन करने वालों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे नहीं लगाए थे, बल्कि वे 'काशिफ साब ज़िंदाबाद' के नारे लगा रहे थे। वे एआईएमआईएम लखनऊ के प्रमुख काशिफ अहमद का ज़िक्र कर रहे थे। पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हाजी शौकत अली ने 'ऑल्ट न्यूज़' से कहा था कि काशिफ अहमद ने लखनऊ में 13 दिसंबर को प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी के बारे में अमित मालवीय ने 16 दिसंबर को एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा था, एएमयू के छात्र नारा लगा रहे हैं कि हिंदुओं की कब्र खुदेगी, एएमयू की धरती पर...?'
AMU students are chanting ‘हिंदुओ की कब्र खुदेगी, AMU की धरती पर...’
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 15, 2019
Chaps at Jamia want ‘हिंदुओं से आज़ादी...’
If this is the mindset that pervades in these ‘minority’ institutions, imagine the plight of Hindus and other minorities in Pakistan, Bangladesh and Afghanistan... pic.twitter.com/VRNeOyhaHY
अपनी राय बतायें