सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमे लखनऊ यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को एक बलात्कार पीड़िता की कुंडली की जांच करने का निर्देश दिया गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह 'मांगलिक' है या नहीं। महिला का कहना था कि आरोपी ने शादी के वादे पर रेप किया है। वहीं आरोपी ने अपने बचाव में कहा था कि महिला के साथ शादी नहीं हो सकती है क्योंकि वह मांगलिक है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाश पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ब्रज राज सिंह की खंडपीठ ने शादी का झूठा वादा करके रेप करने के आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका पर यह आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने बहस करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के पास विशेषज्ञ साक्ष्य मांगने की शक्ति है। ज्योतिष विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाने वाला विषय है।
हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट जमानत अर्जी पर गुण-दोष के आधार पर विचार कर सकता है।
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