क्या चंदा मिलने के मामले में कांग्रेस की स्थिति क्षेत्रीय दलों से भी ख़राब है? कम से कम इलेक्टोरल ट्रस्टों से मिलने वाले चंदे के मामले में तो ऐसी ही स्थिति है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर के अनुसार 2021-22 में इलेक्टोरल ट्रस्टों से कांग्रेस से ज़्यादा चंदा टीआरएस, समाजवादी पार्टी, आप और वाईएसआर कांग्रेस को मिला। 2021-22 में इलेक्टोरल ट्रस्टों द्वारा राजनीतिक दलों को किए गए कुल चंदे का 351.50 करोड़ रुपये या 72.17 प्रतिशत बीजेपी को मिला। बता दें कि इलेक्टोरल ट्रस्ट कॉर्पोरेट संस्थाओं और व्यक्तियों से राजनीतिक दलों को व्यवस्थित रूप से चंदा देने के लिए भारत में गठित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसका उद्देश्य चुनाव संबंधी खर्चों के लिए धन के उपयोग में पारदर्शिता में सुधार करना है।
एडीआर के अनुसार एक साल में इलेक्टोरल ट्रस्ट से कांग्रेस को 18.44 करोड़ रुपये मिले। इससे ज़्यादा तो टीआरएस को 40 करोड़ रुपये, सपा को 27 करोड़ रुपये, आप को 21.12 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस को 20 करोड़ रुपये मिले। इस तरह देखा जाए तो बीजेपी को कांग्रेस से 19 गुना ज़्यादा चंदा मिला। अन्य नौ दलों को मिले चंदे की तुलना में भाजपा को मिला कुल चंदा ढाई गुना से अधिक था।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अकाली दल को 7 करोड़ रुपये, पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी को 1 करोड़ रुपये, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और द्रमुक को 50-50 लाख रुपये मिले।
द इंडियन एक्सप्रेस ने एडीआर के हवाले से रिपोर्ट दी है कि इस अवधि के दौरान 89 कॉर्पोरेट या व्यावसायिक घरानों ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को 475.80 करोड़ रुपये का चंदा दिया। उनमें से बासठ ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 456.30 करोड़ रुपये का चंदा दिया, दो कॉरपोरेट्स ने एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट को 10.00 करोड़ रुपये, तीन कॉरपोरेट्स ने समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट को 5 करोड़ रुपये और 15 कॉरपोरेट्स ने इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2.20 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
एडीआर ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-2022 में 40 लोगों ने इलेक्टोरल ट्रस्ट में चंदा दिया है, 13 व्यक्तियों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 8.53 करोड़ रुपये, 15 व्यक्तियों ने इंडेपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2.61 करोड़ रुपये और 12 व्यक्तियों ने कुल 14.34 लाख रुपये का चंदा स्मॉल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट को दिया है।
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