बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो जोरदार ढंग से वायरल हुआ। आरोप लगाया कि इस वीडियो में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर एक भाषण के दौरान यह कह रहे हैं कि अब फ़ैसला संसद या सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगा बल्कि सड़कों पर होगा। मंदर ने यह भाषण नागरिकता क़ानून के विरोध में जामिया में हो रहे धरने के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए दिया था।
हर्ष मंदर ने बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों के कारण दिल्ली में दंगे हुए।
याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हर्ष मंदर के भड़काऊ भाषण का मुद्दा उठाया। मेहता ने मंदर की ओर से दायर की गई याचिका पर भी आपत्ति जाहिर की। मेहता ने कहा, ‘हर्ष मंदर ने अपने भाषण में कहा है, ‘हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है।’ मेहता ने कोर्ट को बताया कि नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान यह भाषण दिया गया।
इस पर चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) एस.ए. बोबडे ने हर्ष मंदर के वकील से कहा, ‘आपने सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ बयान दिया है। हम अभी आप को नहीं सुनेंगे। अगर हर्ष मंदर सुप्रीम कोर्ट के बारे में ऐसा सोचते हैं तो पहले हमें इस बारे में फ़ैसला करना होगा।’ कोर्ट ने कहा कि हर्ष मंदर की ओर से दायर याचिका को तब तक नहीं सुना जायेगा जब तक अदालत उनके द्वारा न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणी के मामले का निपटारा नहीं कर लेती।
मेहता ने हर्ष मंदर के भाषण को अपमानजनक और भड़काने वाला बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने मंदर का नाम असम में डिटेंशन सेंटर से जुड़ी एक याचिका से निकाल दिया था।
सुनवाई के दौरान मंदर के वकील ने इस बात से इनकार किया कि उनके मुवक्किल ने शीर्ष अदालत के ख़िलाफ़ किसी तरह का अपमानजनक भाषण दिया है। इस पर सीजेआई ने कहा कि उनके भाषण का ट्रांस्क्रिप्शन दिया जाये। अब इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।
अब फ़ैसला संसद या SC में नहीं होगा। SC ने अयोध्या और कश्मीर के मामले में secularism की रक्षा नहीं की। इसलिए फ़ैसला अब सड़कों पर होगा।
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 4, 2020
This man Harsh Mander, who wrote the draconian CVB, is in HC to get FIRs against people for hate speech... And a judge gave him midnight hearing! pic.twitter.com/zrXYyBxfE3
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी हर्ष मंदर के वीडियो को ट्वीट किया और लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और सेक्युलिरज्म की रक्षा नहीं करता...इसलिए न सुप्रीम कोर्ट में, न संसद में फ़ैसला होगा...फ़ैसला सड़क पर होगा।' पात्रा ने कहा कि सोनिया गांधी की नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (एनएसी) के सदस्य और अर्बन नक्सल हर्ष मंदर यह बयान दे रहे हैं। पात्रा ने कहा कि ये हैं असल दंगाई जो लोगों को सड़क पर उतर कर हिंसा करने के लिये उकसा रहे हैं।
“सुप्रिम कोर्ट मानवता,समानता और Secularism की रक्षा नहीं करती ..इसलिए न Supreme Court में,न संसद में फ़ैसला होगा ..फ़ैसला सड़क पर होगा”
— Sambit Patra (@sambitswaraj) March 4, 2020
सोनिया गांधी के NAC के सदस्य और UrbanNaxal हर्ष मंदर का कहना है।
ये है असल दंगाई जो लोगों को उसका रहें है सड़क पर उतर के हिंसा करने के लिए। pic.twitter.com/ajTt4q8zNJ
क्या कहा हर्ष मंदर ने?
लेकिन क्या वास्तव में हर्ष मंदर ने ऐसा कुछ कहा था जैसा बताया जा रहा है। सुनिये उन्होंने अपने भाषण में क्या कहा - ‘ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं जीती जाएगी। क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट को देखा है, पिछले कुछ वक्त से एनआरसी के मामले में, अयोध्या के मामले में, कश्मीर के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की है। वहां कोशिश ज़रूर करेंगे, हमारा सुप्रीम कोर्ट है लेकिन फ़ैसला ना संसद, में ना सुप्रीम कोर्ट में होगा।’ इस दौरान वहां बड़ी संख्या में मौजूद छात्र जमकर तालियां बजाते हैं।
मंदर आगे कहते हैं, ‘इस देश का क्या भविष्य होगा, आप लोग सब नौजवान हैं, आप अपने बच्चों को किस तरह का देश देना चाहते हैं, यह फ़ैसला कहां होगा, एक - सड़कों पर होगा, हम लोग सब सड़कों पर निकले हैं।’
अपनी राय बतायें