loader

1993 ट्रेन सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी

राजस्थान की एक अदालत ने 1993 ट्रेन विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। अजमेर में टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां अधिनियम) अदालत ने गुरुवार को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए यह फ़ैसला दिया। दो अन्य आरोपी- इरफान और हमीदुद्दीन- को दोषी पाया गया और अदालत ने उन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह क़रीब 11.15 बजे टुंडा, इरफान और हमीदुद्दीन को लेकर टाडा अदालत पहुंची। ये तीनों 6 दिसंबर 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में आरोपी थे।

ताज़ा ख़बरें

आरोपियों के वकील ने कहा कि वे इरफान और हमीदुद्दीन को दी गई सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। वकील अब्दुल रशीद ने कहा कि इरफान लगभग 70% लकवाग्रस्त है और लगभग 17 साल से जेल में है। हमीदुद्दीन 14 साल से जेल में है।

1993 में पाँच शहरों में ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में दो लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। सीबीआई ने सभी मामलों को एक साथ जोड़ दिया और 1994 में इसे अजमेर की टाडा अदालत में भेज दिया। सभी आरोपी अजमेर की जेल में हैं।

उनके वकील विनीत वर्मा ने कहा कि पिछले साल फरवरी में हरियाणा की एक अदालत ने टुंडा को 1997 के दोहरे रोहतक विस्फोट मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। 22 जनवरी, 1997 को रोहतक में पुरानी सब्जी मंडी और किला रोड पर दो बम विस्फोट हुए, जिसमें आठ लोग घायल हो गए थे।
देश से और ख़बरें

टुंडा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के पिलखुआ का रहने वाला है। उनकी उम्र क़रीब 80 साल है। दो अन्य आरोपियों इरफान की उम्र 70 और हमीदुद्दीन की 44 साल है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार 2013 में अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम के सहयोगी टुंडा को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में विस्फोटों को अंजाम देने के आरोप में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने टुंडा को 1993 ट्रेन विस्फोट मामले का मास्टरमाइंड माना था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें