दिल्ली दंगे के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद में प्रदर्शन किया। हंगामा इतना हुआ कि संसद के दोनों सदनों को दिनभर के लिए स्थगित करना पड़ा। इससे पहले विपक्ष के विरोध के कारण सुबह के सत्र में भी राज्यसभा को दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा था। लेकिन जब दोपहर दो बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भी हंगामा नहीं रुका और विपक्ष ने 'बीजेपी मुर्दाबाद' के नारे लगाए। लोकसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया था। दोनों पक्षों की ओर से ज़बरदस्त शोर-शराबा हुआ।
इस बीच विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन परिसर में अलग-अलग धरना दिया। वे हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और बीजेपी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे। लोकसभा में जदयू सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो के निधन पर श्रद्धांजलि देकर दो बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दिल्ली दंगे का मामला उठाने की कोशिश की और सदन में शोर होने लगा। अध्यक्ष ने दो बजे तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। दंगे को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी के ख़िलाफ़ कुछ ज़्यादा ही हमलावर रही।
आप नेता संजय सिंह के नेतृत्व में संसद भवन परिसर में आप नेताओं ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथों में तख्तियाँ ले रखी थीं। उनपर 'हिंसा समर्थक भाजपा सरकार मुर्दाबाद', दंगाइयों के सम्मान में भाजपाई मैदान में' जैसे नारे लिखे थे। दिल्ली में दंगे को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने रहे हैं। दोनों एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने आँख पर पट्टी और होटों पर उंगली रखकर प्रदर्शन किया। इससे पहले सुबह की कार्यवाही में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी, डीएमके ने दिल्ली हिंसा को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।
दिल्ली हिंसा को लेकर संसद में हंगामे की आशंका पहले से ही थी। दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी दल बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने तो दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा माँग लिया था। जैसी संभावना जताई जा रही थी कांग्रेस ने भी संसद भवन परिसर में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
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