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राहुल गांधी और प्रोफ़ेसर गिसेका।

कोरोना: ‘99% लोगों में बहुत कम या लक्षण होंगे ही नहीं’, राहुल से बोले विशेषज्ञ

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना संकट को लेकर बुधवार को ग्लोबल हेल्थ एक्सपर्ट और हावर्ड के प्रोफ़ेसर आशीष झा और स्वीडन के कैरोलिंसका इंस्टीट्यूट के प्रोफ़ेसर जोहान गिसेका से बातचीत की। 

राहुल गांधी ने प्रोफ़ेसर जोहान से पूछा कि आप एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ हैं और आप इसे स्वीडन और यूरोप से कैसे देख रहे हैं। इस पर प्रोफ़ेसर जोहान ने कहा, ‘यह बीमारी आग की तरह फैल रही है, दुनिया में लगभग हर आदमी इससे संक्रमित होगा। लेकिन यह बहुत हल्की-फुल्की बीमारी है।’ 

प्रोफ़ेसर गिसेका ने कहा कि कोरोना से संक्रमित लोगों में 99 फ़ीसदी ऐसे होंगे जिनमें या तो बहुत कम या फिर इसके लक्षण होंगे ही नहीं, इसलिए, हम इसे महामारी के 1 फ़ीसदी के रूप में देख रहे हैं।

इस दौरान राहुल गांधी ने पूछा कि लॉकडाउन से बाहर कैसे आना है? इसके लिए सबसे अच्छी रणनीति क्या है? 

राहुल के सवाल पर प्रोफ़ेसर गिसेका ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि यह चरणबद्ध ढंग से होना चाहिए। एक बार आप प्रतिबंधों में ढील दीजिए और 2-3 हफ़्तों के लिए इंतजार कीजिए और देखिए कि क्या होता है। अगर यह वायरस फैलता है तो हम एक क़दम पीछे जा सकते हैं और कुछ दूसरे प्रतिबंधों को लगा सकते हैं।’ इसलिए मुझे लगता है कि लॉकडाउन से बाहर निकलने में कुछ महीने लगेंगे।’ 

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने कुछ नौकरशाहों से पूछा कि टेस्ट कम क्यों हैं। उनका कहना यह है कि यदि आप टेस्ट अधिक बढ़ाते हैं, तो लोगों में इससे डर पैदा होगा। मुझे लगता है कि बीमारी से लड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट अधिक महत्वपूर्ण है।’ राहुल गांधी ने कहा कि टेस्ट से समस्या हल हो जाएगी और यदि आप बड़े पैमाने पर टेस्ट कर सकते हैं तो आप अधिक सुरक्षित हैं। 

इस पर प्रोफ़ेसर आशीष झा ने कहा कि भारत में पूल टेस्टिंग की जा सकती है और इसकी सहायता से आप सीमित संख्या में किट होने के बाद भी बड़ी संख्या में टेस्टिंग कर सकते हैं। 

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प्रोफ़ेसर आशीष झा ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि अगले साल तक कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी और तब भारत के पास कोई योजना होनी चाहिए कि आप कैसे बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लगा पाएंगे।’ उन्होंने कहा कि इस बात पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, ‘भोजन एक गंभीर समस्या बनते जा रहा है क्योंकि हमारे पास बड़ी संख्या में मजदूर हैं और वे दिहाड़ी पर निर्भर हैं और मजदूरी न मिलने के कारण वे पहले से ही मुश्किलों से घिरे हुए हैं।’

 

प्रोफ़ेसर आशीष झा ने कहा, ‘यह 12-18 महीने की समस्या है, हम कुछ भी करें, यह 2021 तक हमारे साथ रहेगा। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो 2021 में जीवन फिर से सामान्य होने लग सकता है।’ 

कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से भी कोरोना संकट को लेकर बात की थी।

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क़मर वहीद नक़वी
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