शोर शराबा कर रहे सांसदों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने दो दिनों में 45 सांसदों को निलंबित कर दिया। ये सांसद ऑल इंडिया द्रमुक मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके), तेलगु देशम पार्टी और वाईएसार कांग्रेस के हैं। एक साथ इतने सांसदों के निलंबित होने की पहले की नज़ीर नहीं है।
बुधवार को एआईएडीएमके और टीडीपी के 21 सदस्यों को पाँच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। स्पीकर ने उसके अगले दिन यानी गुरुवार को इन्हीं दो पार्टियों के 23 सदस्यों को लोकसभा से पाँच दिनों के लिए निलंबित कर दिया। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस के एक सदस्य को भी निलंबित कर दिया गया। इसके पहले 2014 में तत्कालीन स्पीकर मीरा कुमार ने 18 सदस्यों को निलंबित कर दिया था। ये सदस्य अलग तेलंगाना राज्य का समर्थन या विरोध कर रहे थे। एआईएडीएमके के सांसद कावेरी जल विवाद और टीडीपी के सदस्य तेलंगाना को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर शोर शराबा कर रहे थे।
संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को शुरू हुआ और उस समय से अब तक कई बार शोर शराबा हुआ, कामकाज रुका और सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। बुधवार को ज़बरदस्त शोरगुल होने पर महाजन ने पहले चेतावनी दी, पर शोर शराबा नहीं थमा। उसके बाद उन्होंने सदस्यों को निलंबित कर दिया। ऐसा ही गुरुवार को भी हुआ।
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