भारत ने 19वें एशियाई खेलों से पहले अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को एंट्री से वंचित करने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन की अपनी यात्रा रद्द कर दी है।19वें एशियाई खेल चीन के शहर हांगझू में होने वाले हैं। खेल मंत्री की चीन यात्रा रद्द करने की घोषणा भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) ने की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि "भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को हांगझू में 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके भेदभाव किया है। भारत ने भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को हमेशा खारिज किया है। अरुणाचल प्रदेश "भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।"
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हमने एशियाई खेलों की भावना और सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ भेदभाव को रोकने वाले नियमों का उल्लंघन करने के लिए चीन की आलोचना की है।
भारत ने कहा- "चीनी कार्रवाई के खिलाफ विरोध के रूप में, भारत के खेल मंत्री ने खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। भारत सरकार अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखती है।“
कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश के वुशु एथलीट हांगझू में चल रहे एशियाई खेलों के लिए चीन की यात्रा करने में असमर्थ हैं। न्येमान वांग्सू, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गू की तिकड़ी को दिल्ली में ही रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि दस्ते के अन्य सदस्यों को कोई समस्या नहीं हुई और वे हांगझू की यात्रा पर चले गए।
खबरों के मुताबिक, हांगझू एशियाई खेल आयोजन समिति ने तीन एथलीटों को मान्यता कार्ड दे दिए हैं, लेकिन सत्यापन के लिए उनके कार्ड डाउनलोड नहीं किए जा सके। लेकिन अन्य एथलीटों को यह समस्या नहीं आई। ये तिकड़ी 11 सदस्यीय वुशु टीम का हिस्सा थी जो बुधवार रात आईजीआई हवाई अड्डे से चीन के लिए रवाना होने वाली थी।
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एशियाई खेलों के लिए भारत के शेफ-डी-मिशन भूपेन्द्र सिंह बाजवा ने इस मुद्दे को एशियाई ओलंपिक परिषद और हांगझू एशियाई खेलों की आयोजन समिति के समक्ष उठाया। इससे पहले, दिल्ली में चीनी दूतावास ने तीन एथलीटों को स्टेपल वीजा जारी किया था जब 12 सदस्यीय दल को चेंगदू में विश्व विश्वविद्यालय खेलों के लिए यात्रा करनी थी। उस समय भी भारत द्वारा कड़ा विरोध दर्ज कराने के बाद यात्रा रद्द कर दी गई थी।
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