पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती थोड़ी देर में शुरू हो जाएगी। इन चुनावों के दूरगामी नतीजे हो सकते हैं। कुछ महीनों में होने वाले आम चुनाव पर इसका असर पड़ना तय है। हालांकि राज्यों के मुद्दे अलग-अलग होते हैं और लोकसभा चुनावों के मुद्दे बिल्कुल अलग। पर इन नतीजों से यह तो साफ़ हो ही जाएगा कि जनता का मूड क्या है। क्या इन राज्यों की जनता भारतीय जनता पार्टी और ख़ास कर उसके सबसे बड़े नेता नरेंद्र मोदी का जादू बरक़रार है या विपक्षी कांग्रेस को एक मौका दिए जाने के बारे में लोग सोच रहे हैं।
8 बजे गिनती शुरू
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के चुनावों की मतगणना एक साथ सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगी और जल्द ही इसके रुझान भी आने लगेंगे। ये राज्य इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि हिन्दी पट्टी के अलावा दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के एक-एक राज्य में चुनाव एक तरह से लोगों के बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे लोग क्या सोचते हैं, यह अहम है और इससे पूरे देश में एक राय बनेगी। 8,500 उम्मीदवार
लगभग 1 लाख 74 हज़ार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में 8,500 उम्मीदवारों के भाग्य बंद हैं। ये मशीनें 670 स्ट्रॉन्गरूम में रखी गई है और उनकी सुरक्षा की ज़बरदस्त व्यवस्था की गई है। पांच राज्योंं में कुल 679 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए।राजस्थान
राजस्थान की 200 सीटों में से 199 सीटों पर चुनाव हुए। वोटों की गिनती 35 केंद्रों पर होगी और इसके लिए चुनाव आयोग ने 20,000 कर्मचारियों को काम पर लगा रखा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 163 सीटें मिलीं थी। इसके अलावा कांग्रेस को 21, बसपा को तीन, एनपीपी को चार, निर्दलीय और अन्य को नौ सीटें मिलीं थी। इस बार एग्ज़िट पोल में कांग्रेस को बहुमत हासिल करता हुआ दिखाया गया है। समझा जाता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिन्धिया के कामकाज के तौर तरीकों से उनकी ही पार्टी के लोग नाराज़ हैं और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ लोगों के मन में गुस्सा है।
इन चुनावों से भविष्य की तस्वीर पूरी नहीं तो थोड़ी ज़रूर साफ़ हो जाएगी। यह पता चल जाएगा कि नरेंद्र मोदी का जादू बरक़रार है, वे अब भी वोट खीच पा रहे है या उनसे लोगों का मोहभंग हो चुका है। बस थोड़ी देर का इंतज़ार है।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में सभी 230 सीटों के लिए चुनाव कराए गए हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने मतगणना में धांधली की आशंका जताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। इसमें पार्टी की ओर से मांग की गई थी कि वोटों की गिनती में ख़ास सावधानी बरती जाए और प्रत्येक राउंड का नतीजा सार्वजनिक किया जाए, इसके बाद ही अगले राउंड की गिनती कराई जाए। एग्जिट पोल में यहां विपक्षी कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई गई है, लेकिन कांग्रेस को हल्की बढ़त मिलती दिख रही है। छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए। वोट गिनने के काम में 5184 कर्मचारी लगाए गए हैं जबकि 1500 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं। तीन बार से सत्ता में मौजूद बीजेपी के लिए इस बार कड़ी चुनौती है। रमन सिंह सरकार के ख़िलाफ़ हवा है क्योंकि वे लगातार 15 साल से सत्ता में है। एग्जि़ट पोल में यहां भी कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। यहां इस बार बीएसपी और अजित जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनतांत्रिक कांग्रेस ने हाथ मिलाया है। लेकिन वे वोटरों को कितना प्रभावित कर पाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा।
तेलंगाना
तेलंगाना विधानसभा के लिए 119 सीटों पर चुनाव हुए और यहां 1,821 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य बनने के बाद यह दूसरा चुनाव है। मुख्य मुक़ाबला सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति और कांग्रेस की अगुवाई वाले पीपल्स फ्रंट के बीच है। इस गठबंधन में कांग्रेस के साथ तेलगुदेशम पार्टी, सीपीआई और तेलंगाना जन समिति है। एग्जि़ट पोल में टीआरएस को बढत लेता हुआ दिखाया गया है। मिज़ोरम
मिज़ोरम में 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं और यहां टक्कर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी मिज़ो नैशनल फ्रंट के बीच है। यहां स्थानीय मुद्दे ही छाए रहे। एग्ज़िट पोल मे एमएनएफ़ को आगे बढ़ता हुआ दिखाया गया है। थोड़ी देर बाद ही सब कुछ साफ़ हो जाएगा कौन कहां जीता। लेकिन इसके साथ ही यह भी साफ़ हो जाएगा कि अगला आम चुनाव कैसा होगा। मोदी की पकड़ बरक़रार है या लोगों का मोहभंग हुआ है, यह देखना बाकी है। बस थोड़ी देर का इंतज़ार है।
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