कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इसके साथ ही वह आधिकारिक तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे नेता शामिल हुए। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतीभा वीरभद्र सिंह भी शामिल हुईं जिन्हें सीएम पद का उम्मीदवार माना जा रहा था। प्रतीभा के समर्थकों ने उनको सीएम नहीं बनाए जाने पर हंगामा किया था। इस वजह से शपथ ग्रहण में प्रतीभा के शामिल होने को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्टों में कई तरह के कयास लगाए गए थे।
हालाँकि बाद में शपथ ग्रहण समारोह से पहले सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। प्रतिभा ने कहा था कि वो शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। दरअसल, टीवी चैनलों पर पहले इस तरह की खबरें थीं कि अपनी नाराजगी जताने के लिए प्रतिभा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी।
राज्य के हमीरपुर जिले के नादौन से विधायक सुक्खू ने हाल ही में हुए चुनावों के लिए कांग्रेस की अभियान समिति का नेतृत्व किया।
चार बार के विधायक सुक्खू एक बस ड्राइवर के बेटे हैं और उन्होंने शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के परिसर से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी जब वह शिमला के सरकारी कॉलेज संजौली में छात्र थे। वह कॉलेज छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष रहे और 1989 और 1995 के बीच एनएसयूआई के अध्यक्ष रहे। वह 1999 और 2008 के बीच युवा कांग्रेस प्रमुख भी रहे।
कहा जाता है कि सुक्खू पार्टी काडर में काफी लोकप्रिय हैं और बुरे हालात में पार्टी नहीं छोड़ी। आलाकमान ने उनको निष्ठा का इनाम दिया है। एक मंत्री होने की बात तो छोड़िए, उन्होंने अपने लगभग तीन दशक लंबे राजनीतिक करियर में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) या किसी बोर्ड या निगम के अध्यक्ष का पद भी नहीं संभाला है।
सुक्खू के पक्ष में जो बात गई वह कांग्रेस के 40 विधायकों के बहुमत का समर्थन था। इसके अलावा उन्हें राहुल और प्रियंका सहित गांधी परिवार का समर्थन मिलने की बात भी थी। कांग्रेस ने सुक्खू के गृह जिले हमीरपुर में पांच में से चार सीटें जीतकर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि एक सीट निर्दलीय ने जीता था। कांग्रेस ने हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर के तीनों जिलों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
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