प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद होने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी हैं, इसलिए इस बड़ी हार की जिम्मेदारी भी उनकी ही बनती है। क्या कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का नाम फाइनल करते वक्त मंडी संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को मिली हार को ध्यान में रखेगा?
हिमाचल प्रदेश जीतने वाले कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए पार्टी की रणनीति क्या है? क्या 'ऑपरेशन लोटस' के डर से उन्हें कहीं ले जाया जाएगा? जानिए, पार्टी ने क्या कहा है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए बड़ी लड़ाई प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के बीच में होगी। देखना होगा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी किस नेता को सौंपती है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया है। साल 1985 के बाद से ही हर विधानसभा चुनाव में हिमाचल में सत्ता बदलती रही है और इस बार भी ऐसा ही हुआ। अब देखना यह है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किस नेता को बैठाती है।
68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 विधायकों का समर्थन चाहिए। ऐसे में दोनों दलों के बीच एक-एक विधायक को लेकर जबरदस्त लड़ाई है क्योंकि एक-एक विधायक बेहद अहम है।
68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में बीजेपी क्या इस बार सत्ता में वापसी कर पाएगी या कांग्रेस उसे सत्ता से हटा देगी। आइए, जानते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान कौन से अहम मुद्दे हिमाचल की सियासत में हावी रहे।
हिमाचल प्रदेश में सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है। 68 सीटों वाले इस प्रदेश में कौन सी ऐसी सीटें हैं, जिन पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर लगी हुई है और इन सीटों से कौन-कौन से नेता चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी के लिए इस बार बागी नेता मुसीबत का सबब बन गए हैं। 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 16 सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। तो क्या इस बार सत्ता में उसकी वापसी मुश्किल है?
हिमाचल में आज बुधवार को पीएम मोदी की दो रैलियां थीं। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस यहां आ गई तो उन्हें कुछ करने नहीं देगी। मोदी के भाषण में कांग्रेस के लिए कभी ऐसे शब्द नहीं निकले थे। उन्होंने हिमाचल के लोगों से हर पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज बदलने को कहा। जानिए और क्या कहाः
हिमाचल प्रदेश में सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है। हिमाचल प्रदेश में साल 1985 से अब तक हर विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदलती रही है। देखना होगा कि इस बार क्या होगा?
राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे बड़े पद पर होने की वजह से जेपी नड्डा को बीजेपी को हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जीत दिलानी ही होगी? लेकिन बगावत की वजह से बीजेपी का सत्ता में आना मुश्किल हो सकता है।