पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। 5 बजे तक राज्य में 66% मतदान हुआ। हिमाचल के चुनाव नतीजे गुजरात के साथ ही 8 दिसंबर को आएंगे। राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। जबकि कुछ सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बागी नेताओं ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, सुखविंदर सिंह सुक्खू आदि तमाम नेताओं ने अपना वोट डाला।
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस छोटे से राज्य में डेरा डाले रहे। जबकि कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने चुनाव प्रचार किया।
हिमाचल में कुल 412 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। हिमाचल प्रदेश में 95 फीसद हिंदू, 2 फीसद मुस्लिम, 1 फीसद सिख और डेढ़ फीसद बौद्ध मतदाता हैं। हिमाचल प्रदेश में 25.22% एससी, 5.71% एसटी, 13.52% ओबीसी और 50.72% सवर्ण समुदाय के मतदाता हैं। सवर्ण जातियों में, 32.72% राजपूत और 18% ब्राह्मण हैं।
हिमाचल प्रदेश में साल 1985 से हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदलती रही है। देखना होगा कि इस बार क्या यह परंपरा कायम रहती है या फिर बीजेपी इसे तोड़ती है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मतदाताओं से निवेदन किया है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ भाग लें और वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं।
हिमाचल प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के लिए आज मतदान का दिन है। देवभूमि के समस्त मतदाताओं से मेरा निवेदन है कि वे लोकतंत्र के इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ भाग लें और वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनाएं। इस अवसर पर पहली बार वोट देने वाले राज्य के सभी युवाओं को मेरी विशेष शुभकामनाएं।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2022
प्रिय हिमाचल वासियों,
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 12, 2022
आप सब अपने व अपने प्रदेश के हालातों को भलीभांति समझते हैं। अपनी परिस्थितियों को देखते हुए पूरी सूझबूझ से मतदान का कर्तव्य निभाएं व हालातों को बदलने व हिमाचल के भविष्य को बुनने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
जय हिंद।
जय हिमाचल।
कांगड़ा और मंडी
हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा और मंडी जिले बेहद अहम हैं। कांगड़ा जिले में 15 सीटें हैं जबकि मंडी जिले में विधानसभा की 10 सीटें हैं। इन दोनों राज्यों से ही हिमाचल प्रदेश की सत्ता का रास्ता होकर निकलता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांगड़ा जिले में 11 सीटों पर जीत मिली थी जबकि मंडी में उसने 9 सीटें जीती थी।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। जबकि कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन बीते साल 3 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी।
बीजेपी-कांग्रेस में इन सीटों पर बगावत
इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही जबरदस्त बगावत का सामना करना पड़ा है। बीजेपी में मंडी, बिलासपुर सदर, कांगड़ा, धर्मशाला, झंडुता, चंबा, देहरा, कुल्लू, हमीरपुर, नालागढ़, फतेहपुर, किन्नौर, आनी, सुंदरनगर, नाचन और इंदौरा सीट पर बागी चुनाव मैदान में हैं जबकि कांग्रेस में पछड़, आनी, ठियोग, सुलह, चौपाल, आनी, हमीरपुर और अर्की सीटों पर नेता ताल ठोक रहे हैं। साफ है कि बीजेपी में बगावत ज्यादा है।चुनाव मैदान में सुस्त पड़ी आप
इस साल मार्च में पंजाब के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली आम आदमी पार्टी ने शुरुआत में जोर लगाने के बाद हिमाचल प्रदेश का चुनाव मैदान लगभग छोड़ दिया था। पंजाब की जीत के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश के ताबड़तोड़ दौरे शुरू किए थे। केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश की जनता से तमाम बड़े वादे किए और बड़े बदलावों के लिए एक मौका देने की अपील की थी।
लेकिन जुलाई के बाद से केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश का सिर्फ एक दौरा किया। हालांकि पार्टी ने सभी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को राज्य का प्रभारी बनाया था लेकिन जैन को मई के आखिर में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था और वह जेल में हैं। इसके बाद पार्टी ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया।
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