अमेरिका ने फाइजर (Pfizer) कंपनी की कोरोना पिल (Paxlovid) को एंटी वायरल दवा के रूप में मान्यता दे दी है। इसके अलावा एक अन्य कंपनी की दवा मर्क (Merck) को भी मान्यता मिल गई है।
दोनों कंपनियों को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मान्यता दी है।
जल्द ही दोनों दवाएं परीक्षण के बाद भारतीय बाजार में उतारी जाएंगी। ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरों के मद्देनजर सरकार यह कदम उठा सकती है।
फाइजर कंपनी की इस दवा का अमेरिकी लोग बहुत शिद्दत से इंतजार कर रहे थे। हालांकि वहां वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है लेकिन इसके बावजूद लोग कोविड 19 से प्रभावित हुए।
और क्या खास है इस गोली में
परीक्षण के दौरान इस दवाई को खाने के बाद 88 फीसदी लोग कोरोना से ठीक हुए और उन्हें अस्पताल नहीं ले जाना पड़ा। किसी की मौत भी नहीं हुई।
हालांकि ये नतीजे 2200 लोगों के परीक्षण पर आधारित है। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, उनमें से कुछ को तीन दिन बाद यह गोली दी गई, उनमें से 89 फीसदी को फायदा पहुंचा।
कुछ कोरोना पीड़ितों को पांच दिनों बाद दवा दी गई, उनमें से 88 फीसदी को इससे फायदा पहुंचा।
फाइजर की कोरोना पिल पैक्सलोविड 12 साल औऱ उससे अधिक उम्र वालों को दी जा सकेगी।
एफडीए ने इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की ही अनुमति दी है। यानी बीमार होने पर ही लेना पड़ेगा।
भारत में भी बनेगी यह दवाई
फाइजर की कोरोना पिल भारत में जेनरिक दवा बनाने वाली कंपनियां भी बनाएंगी। कंपनी इस पर कोई रॉयल्टी भी नहीं लेगी यानी ये दवा सस्ते दामों पर भारत में उपलब्ध हो सकती है। फाइजर ने खुद यह घोषणा की है।
वैसे फाइजर ने करीब 95 देशों को इस दवाई को बनाने का लाइसेंस देने का फैसला पहले ही लिया है।
भारत में सन फार्मा, डॉ रेड्डी और आप्टीमस फार्मा समेत कई कंपनियां इसे बनाने के लिए फाइजर से पहले से ही बातचीत कर रही हैं।
लेकिन एक पेच है।
भारत में जो भी कंपनी इस गोली को बनाएगी, उसे इस दवा का तीसरे दौर का परीक्षण करना होगा। क्योंकि अमेरिका में दो दौर के परीक्षण के बाद इसे उतारा गया है।
फाइजर ने यह बात भारतीय दवा कंपनियों को स्पष्ट कर दी है।
इसके बाद में दो कंपनियों की एंटी वायरल उपलब्ध हो जाएगी।
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