loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

आईपीएस कला रामचंद्रन

गुड़गांव की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन को सीएम खट्टर ने क्यों हटाया

हरियाणा सरकार ने 20 आईपीएस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति आदेश जारी किए। तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर राज्य में चलती रहती है। लेकिन हरियाणा में तबादला किए गए अफसरों में गुड़गांव की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन भी शामिल हैं। कला रामचंद्रन की वजह से हरियाणा सरकार पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। तबादला आदेश इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि नए डीजीपी के रूप में शत्रुजीत कपूर की नियुक्ति के कुछ ही दिनों बाद यह फेरबदल हुआ। कपूर ने 16 अगस्त को कामकाज संभाला था।

कला रामचंद्रन को अब एडीजीपी, प्रशासन (हरियाणा) नियुक्त किया गया है, जिससे अरशिंदर सिंह चावला को इस प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा को अब गुड़गांव का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। अरोड़ा का स्थान फरीदाबाद में आईजीपी, रोहतक रेंज राकेश कुमार आर्य लेंगे।

ताजा ख़बरें
कहा जा रहा है कि कला रामचंद्रन को दरअसल गुड़गांव हिंसा के दौरान सुदर्शन न्यूज चैनल के संपादक पर कार्रवाई के आरोप में हटाया गया है। हुआ यह था कि 31 जुलाई से पहले ही सुदर्शन न्यूज मेवात को लेकर तमाम नफरती कार्यक्रम कर रहा था। 31 जुलाई की हिंसा के बाद उसने फेक न्यूज फैलाना शुरू कर दी। गुड़गांव में साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने वाली खबरें जब बढ़ गईं तो ठोस सूचना पर पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन ने सुदर्शन चैनल के संपादक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई तो हो गई लेकिन हरियाणा सरकार इस कार्रवाई से खुश नजर नहीं आई। 
इस तबादला सूची में एडीजीपी ममता सिंह का नाम भी शामिल है, जिनसे एडीजीपी एनफोर्समेंट का काम ले लिया गया है। ममता सिंह, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) जिनके पास एडीजीपी, हरियाणा एनफोर्समेंट ब्यूरो और एडीजीपी, क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, भोंडसी, गुड़गांव का अतिरिक्त प्रभार था, अब सिर्फ एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) और एडीजीपी, आरटीसी, भोंडसी का काम देखेंगी। ममता सिंह वही पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने नूंह हिंसा के बाद कहा था कि इस घटना में पाकिस्तान की साजिश की बात कहना गलत है। ममता सिंह ने नूंह के नल्हर मंदिर में बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना का भी खंडन किया था। बंधन बनाने की खबर सुदर्शन चैनल ने चलाई थी। लेकिन खुद मंदिर के पुजारी ने भी इसका खंडन किया था।
हालांकि इन तबादलों को सरकार रुटीन तबादले बता रही है लेकिन राज्य के राजनीतिक क्षेत्रों में कला रामचंद्रन, ममता सिंह और इमरान रजा के तबादलों की खासी चर्चा है। 
इस दौरान रेवाड़ी के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इमरान रजा का तबादला भी चर्चा का विषय बना हुआ है। नूंह हिंसा के बाद रेवाड़ी जिले के कुछ पंचायत क्षेत्रों में इस तरह के पोस्टर नजर आए थे, जिनमें समुदाय विशेष का बहिष्कार और समुदाय विशेष के दुकानदारों से सामान नहीं खरीदने की नफरती बातें लिखी थीं। रेवाड़ी के डीसी इमरान रजा ने ऐसी पंचायतों को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी थी। सरकार ने इसी घटनाक्रम के बाद इमरान रजा का तबादला कर दिया। 
इमरान रजा 2015 आईएएस काडर के अधिकारी हैं। इमरान वही आईएएस हैं, जिन्होंने पिछले दिनों अपनी बेटी का एडमिशन गुड़गांव के झाड़सा आंगनवाड़ी केंद्र में कराया था। उनकी पत्नी सदफ माजिद गुड़गांव में ही पेशे से डॉक्टर हैं।
हरियाणा से और खबरें
इन तबादलों ने बरेली के एसएसपी प्रभाकर के तबादले की याद दिला दी, जब उन्होंने कुछ ऐसे कावंड़ियों पर कार्रवाई की थी, जिन्होंने बरेली में रूट का उल्लंघन किया, कुछ ने शराब पी रखी थी और कुछ के पास हथियार भी थे। बरेली के एसएसपी की कार्रवाई पर यूपी सरकार ने अगले ही दिन उनका तबादला कर दिया। जबकि बरेली के लोगों का कहना था कि एसएसपी प्रभाकर ने ऐसी कार्रवाई करके बरेली को साम्प्रदायिक हिंसा से बचा लिया। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें