गुड़गांव के कई इलाक़ों में बीते कई हफ़्तों से जुमे की नमाज़ को लेकर दक्षिणपंथी संगठन क्यों हंगामा कर रहे हैं? जब प्रशासन ने बाक़ायदा हिंदू और मुसलिम समुदाय के लोगों के साथ बातचीत कर नमाज़ पढ़ने के लिए कई जगहों का चयन कर रखा है तो फिर बार-बार बवाल क्यों? और नमाज़ वाली जगह पर उपले क्यों रखे गए? ये सवाल इसलिए कि शुक्रवार को फिर से गुड़गांव में हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने मुसलमानों को प्रार्थना करने से रोकने के लिए सेक्टर 12ए में एक जगह पर कब्जा कर लिया। वे सुबह इकट्ठे हुए और उन्होंने वॉलीबॉल कोर्ट बनाने का दावा किया।
पिछले कई हफ्तों से इस और अन्य जगहों पर विरोध और धमकी के प्रदर्शन का सामना करने वाले मुसलिमों ने इस जगह पर नमाज़ अदा नहीं की।
पिछले कुछ हफ़्तों में कई ऐसी जगह हैं जहाँ वे अब नमाज अदा नहीं कर पा रहे हैं। यहाँ तक कि गुड़गाँव प्रशासन द्वारा तय जगह पर भी ऐसा नहीं हो पा रहा है। गुड़गांव प्रशासन ने क़रीब एक हफ़्ते पहले ही मुसलमानों को नमाज़ के लिए मंजूर की गई 37 जगहों में से 8 जगहों की मंजूरी को वापस ले लिया है।
2018 में इसी तरह के आयोजनों के मद्देनज़र 37 जगहों को प्रार्थना स्थलों के रूप में नामित किया गया था। प्रशासन ने कहा कि मसजिदों या ईदगाह, किसी निजी स्थल, या 29 नामित जगहों पर नमाज अदा की जा सकती है। गुड़गांव के अधिकारियों ने तब कहा था कि किसी भी सार्वजनिक और खुली जगह पर नमाज के लिए प्रशासन से सहमति ज़रूरी है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा था कि यदि स्थानीय लोगों को अन्य जगहों पर भी आपत्ति होगी तो वहाँ भी नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसी बीच अब सेक्टर 12ए में नमाज की एक जगह पर सुबह से ही कुछ लोग आकर बैठ गए थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मैदान पर कब्जा करने वालों में से एक वीर यादव ने कहा, 'हम यहां चुपचाप बैठे हैं ... लेकिन प्रार्थना की अनुमति नहीं देंगे। हम यहाँ एक खेल की योजना बनाएंगे। ... यहां वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे (और) बच्चे खेलेंगे। नमाज नहीं होने देंगे, चाहे कुछ भी हो।'
इसी जगह के पास में गाय के उपले पिछले सप्ताह फैले हुए थे। तब दक्षिणपंथी समूहों द्वारा 'पूजा' का आयोजन किया गया था। उसमें नमाज़ की जगह पर गोबर फैलाना शामिल था।
In Gurgaon, near Delhi, Hindu fanatics, opposing Muslims praying (Namaz) at open spaces, have put cow-dung cakes at the prayer place. This is not even majoritarianism; this is the spitefulness of a group with low self-esteem. pic.twitter.com/5L0Ur9Qlmc
— Ashok Swain (@ashoswai) November 12, 2021
बता दें कि पिछले हफ़्ते ही शुक्रवार की नमाज़ के ख़िलाफ़ दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया था और कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे। उनके भाषणों में शाहीन बाग से लेकर पाकिस्तान तक का ज़िक्र था। उन्होंने एलान किया था कि गुड़गांव में कहीं भी खुले में जुमे की नमाज़ नहीं होने दी जाएगी। दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा, विहिप के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन और हरियाणा बीजेपी के नेता सूरज पाल अम्मू भी वहां पहुंचे थे। कपिल मिश्रा और सूरज पाल अम्मू पर लगातार भड़काऊ बयानबाज़ी करने के आरोप लगते रहे हैं।
मिश्रा ने कहा था कि अगले 3-4 हफ़्ते तक गुड़गांव में किसी भी सार्वजनिक जगह पर नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाएगी। विहिप के नेता सुरेंद्र जैन ने पिछली बार गिरफ़्तार किए गए 26 लोगों की तारीफ़ की और उन्हें धर्म योद्धा बताया। उन्होंने कहा, “यह दूसरा पाकिस्तान नहीं बनेगा, जो लोग सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ अदा करना चाहते हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं। नमाज़ के लिए सड़कों को बंद करना जिहाद है और यह आतंकवाद है।”
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