मध्य प्रदेश में ओमिक्रॉन का कोई केस नहीं होने के बावजूद राज्य में नाइट
कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है। हरियाणा में सार्वजनिक स्थलों पर उन्हीं को
एंट्री मिलेगी, जिन्होंने दोनों टीके लगवा लिए होंगे।
मुसलमान भारत की राजनीति में पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुके हैं, इस वजह से ही कोई राजनीतिक दल उनके मुद्दे नहीं उठा रहा है। कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य मुहम्मद अदीब का तो यही मानना है। क्या यह सच है?
हिंदू संगठन बीते कई हफ़्तों से गुड़गांव में सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज़ पढ़े जाने का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा काफ़ी गर्म रहा है।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। इसके जरिए लड़कियों की उम्र 18 से 21 साल करने का प्रस्ताव है। जाटों की खाप पंचायतें इसका विरोध कर रही हैं। हरियाणा में 2 जनवरी को महापंचायत बुलाई गई है। लेकिन इनके अलावा बहुत लोग इसके विरोध में हैं।
मुनव्वर फारूकी इस बार किसी शो में नहीं, बल्कि गुड़गांव कॉमेडी फेस्टिवल में प्रदर्शन करने वाले थे। लेकिन उनका नाम उसमें से हटा दिया गया। जानिए, आयोजकों ने क्या कारण बताया।
गुड़गांव में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग खुले में नमाज़ पढ़े जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्हें प्रशासन द्वारा चिन्हित की गई जगहों को लेकर भी आपत्ति है।
गुड़गांव में नमाज़ के विरोध को लेकर बीजेपी, विहिप के नेता स्थानीय लोगों के बीच भड़काऊ भाषण दे रहे हैं और जुमे की नमाज़ का विरोध करने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं।
गुड़गाँव में यदि लोगों ने नमाज के लिए मंजूरी दी गई सभी जगहों पर आपत्ति कर दी तो क्या उन सभी जगहों पर नमाज़ पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा? आख़िर नमाज वाली जगह उपले क्यों बिखेरे?