दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल जेल की सजा सुनाई है। चौटाला को यह सजा आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनाई गई है। चौटाला पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है और साथ ही उनकी 4 संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश अदालत ने दिया है।
सुनवाई के दौरान चौटाला के वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि अदालत पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को देखते हुए सजा के मामले में उदार रुख अपनाए।
लेकिन सीबीआई ने इसका पुरजोर विरोध किया और कहा कि हरियाणा के इस दिग्गज नेता को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए जिससे समाज में एक स्पष्ट संदेश जा सके।
सीबीआई ने कहा कि चौटाला का इतिहास भी साफ-सुथरा नहीं रहा है और यह दूसरा मामला है जिसमें वह दोषी ठहराए गए हैं। सीबीआई ने मार्च 2010 में आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में चार्जशीट दायर की थी।
ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा में सात बार विधायक रहे। वह पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के बेटे हैं।
सीबीआई ने कहा था कि 1993 से 2006 के बीच चौटाला ने 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियां बनाई जो उन्हें मिलने वाली ज्ञात रकम से बहुत ज्यादा थी।
सीबीआई ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा अर्जित की गई संपत्ति उनके ज्ञात स्रोतों से अर्जित की गई संपत्ति से 103 प्रतिशत ज्यादा है। इस मामले में चौटाला यह साबित नहीं कर सके कि उन्होंने इतनी संपत्तियां कैसे बनाईं।
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला
चौटाला को इससे पहले साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराया था और तब उन्हें भ्रष्टाचार को लेकर 7 साल की जेल और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला के बेटे और जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय चौटाला को भी 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अजय फरवरी 2022 में ही जेल से बाहर आए थे।
इनेलो में पड़ी फूट
ओम प्रकाश चौटाला के जेल में होने के दौरान ही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में फूट पड़ गई थी और अजय चौटाला के दोनों बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन किया था। जननायक जनता पार्टी हरियाणा में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है और दुष्यंत चौटाला मनोहर लाल खट्टर सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं।
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