मज़दूरों के हक के लिए लड़ने वाली नवदीप कौर के जिन सह आरोपी शिव कुमार के साथ 'पुलिस प्रताड़ना' के आरोप लगे हैं अब उनको चोट आने की पुष्टि हुई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी जीएमसीएच चंडीगढ़ ने शिव कुमार की जाँच रिपोर्ट दी है। उसमें दो फ्रैक्चर की बात सामने आई है।
शिव कुमार को 16 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था और उससे चार दिन पहले ही उनके सह-आरोपी नवदीप कौर को पुलिस ने पकड़ा था। 19 फ़रवरी को अदालत ने सोनीपत जेल के एसपी को निर्देश दिया था कि शिव कुमार को जीएमसीएच में जाँच करवाएँ। कोर्ट का यह निर्देश शिव कुमार के पिता राजबीर की याचिका पर आया था। उन्होंने अदालत को बताया था कि शिव कुमार का 'पुलिस उत्पीड़न' हुआ था।
23 साल की नवदीप कौर को बीती 12 जनवरी को हरियाणा के कुंडली औद्योगिक इलाक़े में एक कंपनी के बाहर प्रदर्शन करने के बाद हिरासत में ले लिया गया था। नवदीप मजूदरों को मिलने वाले दिहाड़ी में गड़बड़ियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही थीं। इसके बाद उन पर हत्या के प्रयास, रंगदारी मांगने और अन्य धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर लिया गया। नवदीप मज़दूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं।
नवदीप की गिरफ़्तारी के चार दिन बाद ही शिव कुमार को गिरफ़्तार किया गया था। उनकी गिरफ़्तारी के बाद से ही हिरासत में उत्पीड़न के आरोप लगाए गए, जबकि पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया था। इस मामले में कोर्ट ने मेडिकल जाँच के आदेश दिए थे।
सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी जीएमसीएच चंडीगढ़ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में बुधवार को रिपोर्ट पेश की है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की ख़बर के अनुसार, जीएमसीएच ने रिपोर्ट में कहा है कि मज़दूरों की वकालत करने वाले संगठन के अध्यक्ष शिव कुमार (24) की मेडिकल जाँच में कम से कम दो फ्रैक्चर सहित कई चोटें दिखी हैं। उनके बाएँ हाथ और दाहिने पैर में फ्रैक्चर हैं जो किसी सख़्त चीजों/हथियार के कारण हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये चोटें 'दो हफ़्ते से अधिक पुरानी हैं'।
जीएमसीएच की रिपोर्ट कहती है कि शिव कुमार को 'दाहिने पैर में सूजन है… और बाएँ पैर में भी चोट हैं… दाहिने दूसरे और तीसरे पैर के अंगूठे के नाखून टूटे हुए हैं और अंदरुनी त्वचा का रंग लाल है और ठीक होने जैसा असर दिखा रहा है… बाएं पैर के अंगूठे में कालापन दिखाई देता है… बाएं अंगूठे और तर्जनी के नाखून में भी कालापन दिखता है... दाहिने कलाई पर भी चोट है...'।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाएँ हाथ में फ्रैक्चर है... दाहिने पैर की हड्डी में फ्रैक्चर है...। इसके अलावा भी कई हड्डियों में फ्रैक्चर की आशंका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शिव कुमार ने आरोप लगाया है कि गिरफ्तारी के बाद 16 जनवरी को उन्हें सोनीपत के ओल्ड कचहरी ले जाया गया, जहाँ सी.आई. कर्मचारियों ने उसके साथ मारपीट की '। शिव कुमार ने कहा है कि 'लगभग सात लोग थे'।
अख़बार की ख़बर के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमार ने आरोप लगाया कि 'पुलिस ने उनके दोनों पैर बांध दिए, उन्हें जमीन पर लेटा दिया और उनके तलवों पर मारा। दाहिने पैर के उनके दूसरे, तीसरे और पाँचवें नाखून फटे हुए थे और उनके बाएँ पैर के बड़े अंगूठे का नाखून नीला हो गया था। उन्होंने उसे चपटी लाठी से नितंबों पर भी मारा, फिर उन्होंने उसके हाथ बांध दिए और उसके पैर फैला दिए। उन्हें पैरों को सीधे कराकर ज़मीन पर लेटाया गया था और लोहे का एक पाइप उनकी जांघ पर रखा गया था और दो लोगों द्वारा जांघों पर उसे लुढ़काया गया था। उन्होंने उनके दोनों हाथों और हथेलियों पर और उसके सिर के पिछले हिस्से पर भी मारा।'
शिव कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें तीन दिनों तक सोने नहीं दिया गया। सी.आई. स्टाफ ने उनका बयान लिया और उन्हें नाम बताने के लिए कहा, और जब वह ऐसा नहीं कर सके, तो उन्होंने उसे एक कुर्सी से बांध दिया और उसके सिर पर पानी डाला।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'उन्होंने उन्हें 24 जनवरी को अदालत में पेश किया और 10 दिन की रिमांड पर लिया। इसलिए वह 16 जनवरी से 2 फ़रवरी, 2021 तक पुलिस रिमांड में थे, और 2 फ़रवरी 2021 से सोनीपत की जेल में।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमार ने आरोप लगाया है कि 'पुलिस रिमांड में उनका मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया था और उन्होंने उनके पैरों पर गर्म पानी डाला और जो भी फफोले बने थे वे फट गए। 29 जनवरी को वे कथित रूप से उन्हें हरिद्वार ले गए, लेकिन उन्हें संबलका पुलिस स्टेशन में रखा गया और 30 जनवरी को हरिद्वार पहुँचे। 2 फरवरी को वे उन्हें अदालत ले गए लेकिन 8 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए तारीख़ मिली।'
'द इंडियन एक्सप्रेस' का दावा है कि जब इसने पुलिस उत्पीड़न के आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए हरियाणा डीजीपी मनोज यादव और सोनीपत एसपी जशनदीप सिंह रंधावा को टेक्स्ट मैसेज भेजा तो कोई जवाब नहीं दिया गया।
नवदीप एक महीने से ज़्यादा समय से हरियाणा पुलिस की हिरासत में हैं। नवदीप की रिहाई की मांग के लिए ट्विटर पर हैशटैग NodeepKaur नाम से अभियान चल रहा है। नवदीप की जमानत याचिका को दो बार खारिज किया जा चुका है।
नवदीप की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि नवदीप के ख़िलाफ़ पैसे की वसूली और धमकियों से जुड़ी दो एफ़आईआर दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामलों को देखते हुए नवदीप को जमानत नहीं दी जा सकती, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।
23 साल की नवदीप कौर को बीती 12 जनवरी को हरियाणा के कुंडली औद्योगिक इलाक़े में एक कंपनी के बाहर प्रदर्शन करने के बाद हिरासत में ले लिया गया था।
नवदीप की बहन राजवीर कौर ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि उनकी बहन के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप पूरी तरह ग़लत हैं। उन्होंने कहा था, ‘नवदीप सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में बीते नवंबर में ही शामिल हो गई थी। वह उन मज़दूरों के लिए लड़ रही थी जिन्हें नियमित तौर पर मज़दूरी नहीं मिलती। 12 जनवरी को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। उसने मुझे बताया कि हिरासत में रहने के दौरान पुलिस ने उस पर हमला भी किया।’
हालांकि सोनीपत पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि पुलिस हिरासत में उत्पीड़न की बातें मनगढ़ंत हैं। पुलिस ने कहा है कि नवदीप को महिला वेटिंग रूम में रखा गया और उसके साथ दो महिला पुलिस कर्मी भी थीं।
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