पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
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हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
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हरियाणा कांग्रेस में भी नेताओं के बीच लड़ाई साफ दिख रही है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। बिश्नोई बीते दिनों में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। दूसरी ओर, इसी मुद्दे को लेकर वरिष्ठ नेता अजय माकन के द्वारा हरियाणा कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी पर सवाल उठाए जाने को लेकर भी राज्य कांग्रेस का सियासी माहौल गर्म है।
चुनाव में मिली हार के बाद अजय माकन ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई थी और कहा था कि कांग्रेस हाईकमान को क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। अजय माकन इस मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भी पहुंचे हैं।
लेकिन किरण चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा था कि वह जानती हैं कि राज्यसभा चुनाव में वोटिंग किस तरह की जाती है।
इस बीच, हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने किरण चौधरी की तारीफ की और कहा कि वह एक जानी-पहचानी राजनेता हैं और अपने दम पर चुनाव जीतने में सक्षम हैं। रणजीत चौटाला के बयान को किरण चौधरी को बीजेपी में लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस की बाकी राज्य इकाइयों की तरह हरियाणा में भी जबरदस्त गुटबाजी है। हरियाणा कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई के गुटों में बंटी हुई है। इससे पहले जब अशोक तंवर कांग्रेस में थे तब उनका भी एक बड़ा गुट पार्टी में हुआ करता था।
हुड्डा गुट के साथ चली लंबी तनातनी के बाद तंवर ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था।
हरियाणा में नवंबर 2024 में विधानसभा के चुनाव होंगे और उससे पहले लोकसभा के चुनाव हैं लेकिन गुटबाजी का आलम यह है कि इस वजह से ही कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में अपनी सीट को खोना पड़ा।
कुलदीप बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं और चार बार विधायक व सांसद रह चुके हैं। उनका हरियाणा के हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी के इलाकों में अच्छा असर है।
कांग्रेस में इन दो बड़े नेताओं के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा भी नाराज दिखाई देती हैं। कांग्रेस हाईकमान ने कुछ वक्त पहले कुमारी शैलजा को हटाकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास माने जाने वाले उदय भान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। उसके बाद से ही कुमारी शैलजा के समर्थक नाराज दिखाई देते हैं।
किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई दोनों ही हुड्डा के विरोधी खेमे के नेता हैं। किरण चौधरी ने उन पर राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर गड़बड़ी के आरोपों पर जिस तरह खुलकर जवाब दिया है उससे यह साफ समझ आता है कि वह अब पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
देखना होगा कि आने वाले दिनों में किरण चौधरी भी क्या कुलदीप बिश्नोई की राह पर आगे बढ़ती हैं? लेकिन इस गुटबाजी से पार्टी को आने वाले चुनावों में बड़ा नुकसान हो सकता है।
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