डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई की पंचकूला अदालत ने हत्या के एक मामले में दोषी ठहराया है। राम रहीम के अलावा पांच और सह अभियुक्तों को भी दोषी ठहराया गया है। इनकी सजा का एलान 12 अक्टूबर को किया जाएगा।
यह मामला रंजीत सिंह की हत्या का है। रंजीत सिंह डेरा की 10 सदस्यों वाली कमेटी का अहम सदस्य था। 10 जुलाई, 2002 को रंजीत सिंह की चार बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक़, राम रहीम को ऐसा लगता था कि उसके ख़िलाफ़ जारी किया गया वो पत्र, जिसमें साध्वियों से दुष्कर्म की बात लिखी थी, इसे जारी करने में रंजीत सिंह का हाथ था।
राम रहीम सिंह अपने आश्रम की दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म के मामले में जेल की सजा काट रहा है। उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में उम्रक़ैद की भी सजा सुनाई जा चुकी है।
पंचकूला से शुरू हुई हिंसा पंजाब के बठिंडा, मानसा और मुक्तसर तक फैल गयी थी। एहतियात के तौर पर दिल्ली, पश्चिमी यूपी, उत्तराखंड तक धारा 144 लगानी पड़ी थी। कई जिलों में तमाम स्कूलों व कॉलेजों को बंद करना पड़ा था। खट्टर सरकार इस हिंसा से निपटने में पूरी तरह विफल रही थी। बस और रेल सेवा को भी रोकना पड़ा था।
रामचंद्र ने किया था ख़ुलासा
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के ज़रिए ही साध्वी यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस मामले में छत्रपति ने डेरा से जुड़ी कई ख़बरें अपने अख़बार में प्रकाशित की थीं। मामले में छत्रपति पर पहले काफ़ी दबाव बनाया गया। लेकिन जब वह धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को उन पर हमला कर दिया गया था। 21 नवंबर 2002 को उनकी मौत हो गई थी। सीबीआई ने 2007 में इस मामले में चार्जशीट दाख़िल की थी।
राम रहीम की ताक़त
गुरमीत राम रहीम सिंह के समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है और हरियाणा और पंजाब में तमाम राजनीतिक दल राम रहीम का समर्थन चाहते हैं। कहा जाता है कि बीजेपी को हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा का साथ मिला था और तब राज्य में उसकी सरकार बनी थी।
अपनी राय बतायें