हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक अस्पताल का उद्घाटन करने हिसार गए तो वहाँ किसानों ने उनका ज़बरदस्त विरोध किया। पुलिस और किसानों के बीच झड़प में कम से कम 20 लोग घायल हो गए, जिनमें पाँच महिलाएं हैं।
इस वारदात की शुरुआत रविवार को उस समय हुई जब खट्टर हिसार में 500 बिस्तरों के एक अस्पताल का उद्घाटन करने गए हुए थे। पास में ही विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान मुख्यमंत्री के पहुँचने के बाद उसी जगह जाने लगे जहाँ उन्हें अस्पताल का उ्दघाटन करना था। वे मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ नारेबाजी करने लगे। उनका मानना था कि हरियाणा के गाँवों में कोरोना फैलने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है क्योंकि सरकार ने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।
किसानों ने पुलिस बैरीकेड तोड़ दिया और पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने आँसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई।
हरियाणा पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस झड़प में कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें पाँच महिलाएं भी हैं। इन्हें सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। डीएसपी अभिमन्यु लोहान पर भी हमला हुआ है।
किसानों का विरोध प्रदर्शन
मुख्यमंत्री ने अपना कार्यक्रम आनन फानन में ख़त्म किया और लौट गए।
भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हिसार के सभी टोल प्लाज़ा पर शाम के पाँच बजे से सात बजे तक विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा था। वह खुद हिसार-दिल्ली राजमार्ग के मय्यर टोल प्लाजा पर पहुँचे हुए थे।
चढूनी ने कहा कि अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम पर 500 से अधिक लोग मौजूद थे। कोरोना को देखते हुए इतने लोगों को एकत्रित करने की क्या ज़रूरत थी और यह उद्घाटन ऑनलाइन क्यों नहीं हो सकता था, उन्होंने पूछा।
भारतीय किसान यूनियन इससे भी नाराज है कि सरकार यह कहती फिर रही है कि किसानों की वजह से कोरोना फैल रहा है। चढूनी ने कहा कि जिस तरह तबलीग़ी जमात को बेवजह बदनाम किया गया और एक समुदाय को निशाने पर लिया गया, उसी तरह किसानों को निशाने पर लेने की कोशिशें की जा रही हैं।
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