भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ मिल कर सरकार बनाएगी। जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला राज्य के उप-मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसकी घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार बनाने के मुद्दे पर चल रही अनिश्चितता ख़त्म हो गई।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 जबकि जेजेपी को 10 सीटें मिली हैं। जेजेपी ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया और 'किंगमेकर' बन कर उभरी है। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 31 सीटें मिली हैं जबकि अन्य को 9 सीटों पर जीत मिली है।
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अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जेजेपी के साथ गठजोड़ बना कर सरकार बनाने का एलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगली सरकार के भी मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ही होंगे।
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'हमें लगता है कि हरियाणा में राजनीतिक स्थिरता के लिए यह गठजोड़ ज़रूरी है।'
स्थिरता की बात की थी चौटाला ने
बेहद दिलचस्प बात यह है कि थोड़ी देर पहले तक दुष्यंत चौटाला ने अपने पत्ते नहीं खोले थे। उन्होंने अमित शाह से मिलने के थोड़ी देर पहले शुक्रवार की शाम को कहा था कि 'हमने यह निर्णय लिया है कि हम उनके साथ खड़े होंगे जो मज़बूत और स्थिर हों।' उन्होंने साफ़ किया कि 'हम किसी को भी समर्थन दे सकते हैं, हमारे लिए कोई अछूत नहीं है। यानी वह कांग्रेस के साथ जाने से इनकार नहीं कर रहे थे।चौटाला ने अपनी बात साफ़ करते हुए कहा था कि पाटी के उम्मीदवारों ने बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को हराया था। लिहाज़ा, उनके लिए सब बराबर हैं।
75 फ़ीसदी आरक्षण?
शुक्रवार को ही दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि पार्टी उस दल को समर्थन देगी जो 'हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम से सहमत होगा।' उन्होंने अपनी शर्तें रखते हुए कहा था, 'जो पार्टी राज्य में नौकरियों में 75 फ़ीसदी आरक्षण हरियाणा के लोगों के लिए देने और वृद्धावस्था पेंशन के चौधरी देवी लाल के विचार से सहमत होगी, हम उसी पार्टी को समर्थन देंगे।'इस पर कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा था कि ये बातें तो उनके घोषणापत्र में पहले से ही हैं। उन्होंने कहा था, 'जहाँ तक न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बात है, इसका ज़िक्र हमारे घोषणापत्र में पहले से ही है, चाहे वह वृद्धावस्था पेंशन की बात हो या हरियाणा के लोगों के लिए 75 फ़ीसदी आरक्षण की बात। यदि उनका कुछ और सुझाव है तो हम इस पर बात करने के लिए तैयार हैं।'
लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। मौजूदा मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 'हरियाणा को स्थायी सरकार मिले इसके लिए हमने जेजेपी के साथ गठबंधन किया है। शनिवार को सरकार बनाने की सारी प्रक्रिया शुरू होगी और गवर्नर से मिलकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।'
पहली पसंद थे गोपाल कांडा!
इसके पहले बीजेपी ने सिरसा से विधायक चुने गए गोपाल कांडा की मदद से सरकार बनाने की कोशिश की थी। कांडा पर बलात्कार और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप 2012 में लगे थे। हरियाणा के सिरसा से बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल गुरुवार देर शाम गोपाल कांडा को लेकर दिल्ली गई थीं। कांडा ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी नड्डा. के दिल्ली स्थित घर पर उनसे मुलाक़ात की थी। इसके बाद गोपाल कांडा ने शुक्रवार को कहा कि उनके पिता 1926 से ही राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ से जुड़े हुए थे। कांडा ने बीजेपी को बिना शर्त समर्थन का एलान किया था।लेकिन इस पर बीजेपी की काफ़ी फ़जीहत हुई। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने बलात्कार के आरोप में 18 महीने जेल में रहने वाले गोपाल कांडा के समर्थन से सरकार बनाने की कोशिशों का ज़ोरदार विरोध किया। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर ज़बरदस्त हमला बोला है, उस पर कटाक्ष किए हैं और उसे नैतिकता की याद दिलाई। इसके बाद ही पार्टी ने जेजेपी से बात शुरू की।
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