हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को अदालत ने आज एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में बरी कर दिया। इस मामले में विवादास्पद विधायक रहे गोपाल कांडा पर आरोप लगे थे। ख़राब रेडियो टीवी रिपेयर करने वाले मैकेनिक से एक एयरलाइंस के मालिक बने गोपाल कांडा की कंपनी में ही गीतिका शर्मा एयरहोस्टेस थीं। गोपाल कांडा विधायक भी रहे और मंत्री भी बने थे।
दिल्ली की एक अदालत ने गोपाल कांडा की बंद हो चुकी एयरलाइंस में कार्यरत रही एयरहोस्टेस की 2012 में आत्महत्या के मामले में फ़ृैसला सुनाया है। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मामले में सह-आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष सभी उचित संदेहों से परे आरोपों को साबित करने में विफल रहा।
गीतिका शर्मा कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस की पूर्व एयर होस्टेस थी। उन्हें बाद में उनकी एक कंपनी के निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह 5 अगस्त 2012 को दिल्ली में अपने आवास पर मृत पाई गई थीं।
तब 4 अगस्त के अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने 46 वर्षीय कांडा और एक अन्य व्यक्ति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मैंने अपनी जिंदगी में गोपाल कांडा से बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है। गोपाल कांडा एक फ्रॉड है और हमेशा लड़कियों के प्रति गलत नजर रखता है'।
गीतिका शर्मा की मृत्यु के छह महीने बाद उनकी माँ ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में परिवार के दो-बेडरूम वाले अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। गीतिका की मां ने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा को अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया था।
गीतिका शर्मा के केस में फ़ैसला आ चुका है, लेकिन उनकी माँ का सुसाइड केस अभी भी चल रहा है।
एक प्रभावशाली राजनेता और व्यवसायी गोपाल कांडा, भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे। मामला दर्ज होने के बाद उन्हें गृह राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। कांडा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों का सामना कर रहे थे, जिनमें आपराधिक धमकी, सबूतों को नष्ट करना, जालसाजी सहित अन्य आरोप शामिल थे।
ट्रायल कोर्ट ने उनके खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप भी तय किए थे लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन्हें रद्द कर दिया।
बता दें कि गीतिका शर्मा 2006 में गोपाल कांडा की एमडीएलआर में शामिल हुई थीं। एयरलाइन बंद होने के बाद वह 2010 में अमीरात एयरलाइंस के साथ काम करने के लिए दुबई चली गईं। लेकिन कांडा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर जाली पत्र बनाए कि वह पांच महीने बाद ही भारत लौट आए। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि उसने फिर से उसके लिए काम करने के लिए उसे ब्लैकमेल किया।
इसी दौरान 2009 में पहली बार कांडा निर्दलीय विधायक बने। विधायक बनने से पहले वह पहले ख़राब रेडिया और टीवी रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे। बाद में उन्होंने शू की दुकान खोली। फिर इसकी फैक्ट्री और फिर देखते-देखते क़रीब 40 कंपनियाँ खोल लीं। तब नेताओं से उनकी क़रीबी भी बढ़ने लगी।
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