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हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की है। एआईसीसी के सूत्रों के मुताबिक, कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल के सामने हुड्डा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। हुड्डा के खिलाफ यह शिकायत कांग्रेस छोड़ने वाले नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पर दर्ज कराई गई है।
बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी और इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी रहे थे।
आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं और पार्टी के कामकाज को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। हालांकि हुड्डा के साथ ही आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया था।
हरियाणा कांग्रेस में कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुटों की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है।
इकनॉमिक टाइम्स ने जब इस बारे में केसी वेणुगोपाल से संपर्क किया तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। हालांकि हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि उन्हें हरियाणा कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा गुलाम नबी आजाद के साथ मुलाकात करने के बारे में शिकायत मिली है।
बंसल ने कहा कि वह इस मामले को कांग्रेस हाईकमान के सामने रखेंगे।
यूपीए सरकार के दौरान मंत्री रहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि हुड्डा के द्वारा गुलाम नबी आजाद से मुलाकात करने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है और यह किसी भी निष्ठावान कांग्रेसी के लिए पूरी तरह अस्वीकार्य है।
कांग्रेस हाईकमान ने इस साल अप्रैल में कुमारी सैलजा को हटाकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी उदय भान को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था। इस तरह हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा का एकछत्र राज्य स्थापित हो गया था क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष उनके करीबी हैं जबकि नेता प्रतिपक्ष का पद हुड्डा के पास है और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में सबसे ताक़तवर नेता हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में बेहतर प्रदर्शन किया था। हरियाणा कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि यहां पार्टी कई गुटों में बंटी हुई है। इनमें सबसे बड़ा गुट हुड्डा का है, इसके बाद कुमारी सैलजा, कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी और पूर्व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का भी अपना गुट है।
गुटबाजी के कारण ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर को पार्टी छोड़नी पड़ी थी और अब वह टीएमसी के रास्ते होते हुए आम आदमी पार्टी में आ चुके हैं। कुछ वक्त पहले ही पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
देखना होगा कि राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी करने वाले गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पर पार्टी हाईकमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। हरियाणा में जल्द ही निकाय चुनाव भी होने हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमले किए थे और कहा था कि उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। आजाद जल्द ही जम्मू-कश्मीर में अपने नए राजनीतिक दल का गठन करने वाले हैं। पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर गुलाम नबी आजाद के साथ आ चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में कुछ ही महीनों के भीतर विधानसभा के चुनाव होने हैं।
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