हरियाणा में राज्यसभा की दोनों सीटें सरकार चला रही बीजेपी-जेजेपी के खाते में गई हैं। एक सीट पर बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को जीत मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार के बाद सवाल यही खड़ा हो रहा है कि जीतने के लायक विधायक होने के बावजूद भी आखिर माकन चुनाव कैसे हार गए।
बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान पूरा होने के 9 घंटे बाद मतों की गिनती का काम शुरू हो सका। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी-जेजेपी और कार्तिकेय शर्मा ने शिकायत की कि चुनाव आयोग को कांग्रेस के 2 विधायकों के वोटों को निरस्त कर देना चाहिए।
बीजेपी-जेजेपी का कहना था कि कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और भारत भूषण बत्रा ने अपने बैलेट पेपर को अनाधिकृत लोगों को दिखा दिया था और इसलिए उनके वोटों को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
इस तरह के आरोप बीजेपी और जेजेपी की ओर से वोटिंग के दौरान भी लगाए गए थे।
यहां बताना जरूरी होगा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान मतगणना की पूरी वीडियोग्राफी चुनाव आयोग के द्वारा कराई गई थी।
कार्तिकेय शर्मा ने चुनावी नियमों के मुताबिक केंद्रीय निर्वाचन आयोग का रुख किया। कार्तिकेय शर्मा ने दावा किया कि रिटर्निंग अफसर ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराया जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन ने इसे विरोधियों का एजेंडा बताया।
माकन भी पहुंचे निर्वाचन आयोग
अजय माकन ने भी केंद्रीय निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया और कहा कि कार्तिकेय शर्मा और बीजेपी राज्यसभा चुनाव में वोटिंग और मतगणना की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। माकन ने मतगणना को जल्द शुरू करने की मांग रखी थी। उन्होंने निर्वाचन आयोग को भेजी अपनी शिकायत में रिटर्निंग अफसर आरके नांदल के उस आदेश को भी संलग्न किया था जिसमें नांदल ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के दोनों विधायकों की वोटिंग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
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किरण चौधरी ने आरोपों को नकारा
कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी ने भी कहा कि उन्होंने किसी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं किया है और वह इससे पहले भी राज्य सभा के चुनावों में 7 बार वोटिंग कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपना वोट जेजेपी के ऑब्जर्वर दिग्विजय सिंह चौटाला को क्यों दिखाएंगी।
दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा था कि विधायक बत्रा ने भी उन्हें अपना बैलेट पेपर दिखाया था। बीजेपी के नेताओं ने भी इसी तरह के आरोप लगाए।
वोटिंग के दौरान रिटर्निंग अफसर आरके नांदल ने बीजेपी-जेजेपी के आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके बाद यह माना जा रहा था कि मतगणना शाम को तय वक्त यानी कि 5 बजे शुरू हो जाएगी।
लेकिन मामला केंद्रीय निर्वाचन आयोग के पास पहुंचा और निर्वाचन आयोग ने जांच के बाद देर रात को राज्य निर्वाचन आयोग के रिटर्निग अफसरों से मतगणना शुरू करने के लिए कहा।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि वह डाले गए सभी मतों की गिनती करे और उसने कार्तिकेय शर्मा और बीजेपी-जेजेपी की शिकायत को खारिज कर दिया।
90 सदस्यों वाली हरियाणा की विधानसभा में 89 विधायकों ने अपने मत का प्रयोग किया। एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपना वोट नहीं डाला। क्योंकि एक वोट को अवैध घोषित कर दिया गया इसलिए कुल 88 वैध मत पड़े।
बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार को इनमें से 36 वोट पड़े जबकि अजय माकन को 29 और कार्तिकेय शर्मा को 23 वोट पड़े। नतीजों के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की है।
29.34 वोटों की थी जरूरत
कुल पड़े 88 मतों में से किसी एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 29.34 वोटों की जरूरत थी। पहले राउंड में कृष्ण लाल पंवार को जीत मिली और उनके जो अतिरिक्त मत (36-29.34) यानी 6.66 थे, वह कार्तिकेय शर्मा को मिले। इससे कार्तिकेय शर्मा के कुल वोट 29.66 हो गए जबकि अजय माकन के वोट 29 ही रहे और अजय माकन हार गए जबकि कार्तिकेय शर्मा राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे।
विधायकों को किया था सुरक्षित
कांग्रेस को अपने विधायकों में सेंध लगने का डर था और इसी वजह से उसने हरियाणा के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में स्थित एक रिजॉर्ट में रखा था। लेकिन वरिष्ठ नेता और विधायक किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे थे। इसी तरह बीजेपी-जेजेपी ने भी अपने विधायकों को सुरक्षित किया था।
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