हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव होना है। यहां पर बीजेपी की ओर से कृष्ण लाल पंवार और कांग्रेस की ओर से अजय माकन चुनाव मैदान में थे। लेकिन अंत समय में कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर चुनावी मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। वोटिंग 10 जून को होगी।
कार्तिकेय शर्मा को राज्य में सरकार चला रही बीजेपी-जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया है।
90 सीटों वाली हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं।
31 वोटों की जरूरत
हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 31 वोटों की जरूरत है। बीजेपी अपने एक उम्मीदवार को आसानी से चुनाव जिता सकती है जबकि इसके बाद उसके पास 9 वोट और बचेंगे। जेजेपी के पास क्योंकि 10 विधायक हैं। इस तरह कार्तिकेय शर्मा के पास 19 वोट हैं।
सात विधायक निर्दलीय हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और इनेलो के अभय चौटाला भी विधायक हैं।
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इन सभी का समर्थन अगर कार्तिकेय शर्मा जुटा लेते हैं तो उनके पास 28 वोट हो जाएंगे। अगर कांग्रेस कुलदीप बिश्नोई को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई और कांग्रेस के दो-तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की तो कार्तिकेय शर्मा की राह आसान हो जाएगी। लेकिन अजय माकन की सीट फंस जाएगी।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुलदीप बिश्नोई पार्टी से नाराज चल रहे हैं और इस वजह से पार्टी परेशान है। बिश्नोई की नाराजगी संगठन में हुए बदलावों में उन्हें अहमियत नहीं दिए जाने को लेकर है।
कौन हैं कार्तिकेय शर्मा?
कार्तिकेय शर्मा हरियाणा के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। वह एक टेलीविजन चैनल के मालिक भी हैं। विनोद शर्मा कांग्रेस में बड़े नेता थे और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दोस्त भी हैं। कार्तिकेय शर्मा के ससुर कुलदीप शर्मा भी कांग्रेस में हैं और वह विधायक भी रहे हैं।
विधायकों में सेंधमारी की आशंका को देखते हुए ही कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली से छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में स्थित रिजॉर्ट में भेज दिया था। लेकिन किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे।
कांग्रेस हाईकमान के द्वारा राज्य में फ्री हैंड दिए जाने के बाद राज्यसभा की सीट को जिताने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ही है।
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