गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटते वक़्त विजय रूपाणी ने भले ही यह कहा हो कि बीजेपी में कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी बदलती रहती है, पर उनकी बेटी ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट कर यह साफ कर दिया है कि कम से कम वे ऐसा नहीं सोचती हैं।
लंदन में रहने वाली राधिका रूपाणी ने अपने पिता को पद से हटाए जाने को लेकर न केवल बीजेपी बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी परोक्ष आलोचना की है। उन्होंने पार्टी के कामकाज को लेकर कई गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं।
गंभीर सवाल
राधिका रूपाणी ने फ़ेसबुक पोस्ट में इस बात पर गुस्सा जताया है कि सौम्य और मृदु भाषी होने को बुरा माना गया। उन्होंने इसके साथ ही क्या सवाल उठाया कि क्या अच्छा नेता वही होता है जो हमेशा सख़्त चेहरा दिखाता रहता है।
उन्होंने बताया है कि उनके पिता बेहद संवेदनशील व्यक्ति थे और संकट के समय आगे बढ़ कर आम जनता के साथ खड़े होते थे।
वे यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना कर दी।
राधिका रूपाणी ने लिखा,
“
सितंबर 2002 में जब गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर पर आतंकवादी हमला हुआ तो मेरे पिता वहाँ सबसे पहले पहुँचे थे, वे मोदी जी के भी पहले वहाँ गए थे।
राधिका रूपाणी, विजय रूपाणी की बेटी
राधिका इसके आगे लिखती हैं, "मेरे विचार से तो मेरे पिता का कार्यकाल 1979 में मोरबी की बाढ़ के साथ ही शुरू हो गया, अमरेली में बादल फटने, कच्छ के भूकंप, स्वामीनारायण मंदिर पर आतंकवादी हमला, गोधरा की घटना, बनासकाँठा बाढ़, तॉकताउ चक्रवाती तूफान और यहाँ तक कि कोरोना महामारी के समय भी मेरे पिता पूरे जी जान से जुटे रहे।"
उन्होंने इसके आगे लिखा है कि 'विजय रूपाणी अपने बच्चों को रेस कोर्स या थिएटर नहीं ले जाते थे, वे उन्हें किसी बीजेपी कार्यकर्ता के घर ले जाया करते थे।'
राधिका का मानना है कि उनके पिता के सौम्य व मृदु भाषी होने के ही कारण उनके साथ न्याय नहीं हुआ। वे पूछती हैं, "क्या राजनेताओं में संवेदना और सौम्यता नहीं होनी चाहिए?"
'कड़े क़ानून बनाए'
राधिका इसके आगे विस्तार से बताती हैं कि उनके पिता ने 'एंटी लव जिहाद एक्ट', 'एंटी लैंड ग्रैबिंग एक्ट', 'गुजरात कंट्रोल ऑफ़ टेररिज़म एंड ऑर्गनाइज़्ड क्राइम' जैसे क़ानून भी बनाए और सख़्ती से लागू किए, जिससे पता चलता है कि वे सख़्त प्रशासक भी थे।
वे पूछती हैं कि "क्या हमेशा सख़्त चेहरा बनाए रखना ही नेता की पहचान है?"
राधिका ने इसके बाद गंभीर सवाल उठाए हैं जो भारतीय राजनीति से जुड़े हुए हैं, लेकिन बीजेपी पर भी लागू होते हैं। वे कहती हैं,
“
हम लोग यह चर्चा करते रहते थे कि क्या मेरे पिता की तरह सीधे-साधे व्यक्ति के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है जहां भ्रष्टाचार और नकारात्मक विचारों की प्रधानता है।
राधिका रूपाणी, विजय रूपाणी की बेटी
विजय रूपाणी 7 अगस्त 2016 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं। नरेंद्र मोदी के गुजरात छोड़ कर केंद्र में जाने और प्रधानमंत्री बनने के बाद वे दूसरे मुख्यमंत्री हैं। उनके पहले आनंदी बेन पटेल मुख्यमंत्री बनी थीं।
उनकी जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है।
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