गुजरात में कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार का आगाज जनता से 8 बड़े वादे करके किया है। सोमवार को गुजरात पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने, दूध उत्पादकों को 5 रुपए प्रति लीटर सब्सिडी देने, किसानों का 3 लाख तक का कर्ज माफ करने, 10 लाख रुपए तक मुफ़्त इलाज देने, कोरोना मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए देने, किसानों के बिजली बिल माफ करने, उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने जैसे बड़े वादे आम जनता से किए हैं।
बता दें कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने हैं। कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश की जनता से भी कांग्रेस ने 10 बड़े वादे किए थे। इन बड़े वादों में युवाओं को 5 लाख रोजगार, 300 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने जैसे वादे अहम हैं।
गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम भी चुनाव लड़ रही हैं। आम आदमी पार्टी तो बड़े पैमाने पर प्रचार में जुटी हुई है।
कौन से हैं 8 वादे
- 500 रुपए में गैस सिलेंडर
- 300 यूनिट बिजली मुफ़्त
- 10 लाख रुपए तक मुफ़्त इलाज
- किसानों का 3 लाख रुपए तक का कर्ज़ माफ़
- 3000 सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल
- कोरोना मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपए मुआवज़ा
- दूध उत्पादकों को 5 रुपए प्रति लीटर सब्सिडी
- लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा
राहुल गांधी ने राजधानी अहमदाबाद में परिवर्तन संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने छोटे दुकानदारों का बहुत नुकसान किया है। राहुल ने कहा कि गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां पर आंदोलन के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वही दो-तीन कंपनियां हैं, नेक्सस चल रहा है, आपकी जेब में से पैसा निकलता है, उन्हीं दो-तीन उद्योगपतियों की जेब में जाता है और गुजरात में उन उद्योगपतियों को जितनी भी जमीन चाहिए, सरकार उनको दे देती है।
राहुल ने कहा कि गुजरात ड्रग्स का केंद्र बन गया है, सारे के सारे ड्रग्स मुंद्रा पोर्ट से मिल रहे हैं लेकिन यहां की सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में मुंद्रा पोर्ट से बड़े पैमाने पर ड्रग्स मिली है। राहुल ने साबरमती आश्रम में बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की
रेवड़ी कल्चर पर बहस
बताना होगा कि पिछले कुछ दिनों में देश में रेवड़ी कल्चर को लेकर जोरदार बहस चली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कुछ राजनीतिक दलों पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें कई बार जवाब दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी अच्छी-खासी बहस हो चुकी है और ऐसे वक्त में ही कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में तमाम लोक-लुभावन वादे जनता से किए हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी भी हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात में भी इस तरह के वादे कर चुकी है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के वादों के बाद देश में रेवड़ी कल्चर को लेकर चल रही बहस और तेज हो सकती है।
2017 का विधानसभा चुनाव
2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पार्टी के लिए जमकर पसीना बहाया और सीटों की संख्या में इजाफ़ा किया था। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी।
तब यह माना गया था कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के आंदोलन से बीजेपी को ख़ासा नुक़सान हुआ है। 2017 के विधानसभा चुनाव में हालात ऐसे थे कि ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात में कई चुनावी रैलियां करनी पड़ी थीं और उन्होंने दिल्ली का कामकाज छोड़कर पूरा फ़ोकस गुजरात चुनाव पर कर दिया था।
लेकिन 2017 के बाद से हार्दिक पटेल के अलावा कांग्रेस के कई विधायक और बड़े नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। हार्दिक को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था।
गुजरात के प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया, दीपक बाबरिया सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता गुजरात चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
सात नेताओं को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष
कांग्रेस ने पार्टी संगठन को चुस्त-दुरुस्त करते हुए जुलाई में 7 नेताओं को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इनमें एक प्रमुख नाम वडगाम के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी का भी है। इसके अलावा विधायक ललित कागथारा, रुत्विक मकवाना, अंबरीश जे डेर, हिम्मत सिंह पटेल, कादिर पीरजादा और इंद्रविजय सिंह गोहिल को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
आप, एआईएमआईएम भी मैदान में
गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ने जा रही है और वह कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकती है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। इसलिए कांग्रेस को इनसे भी थोड़ा बहुत चुनौती मिल सकती है।
देखना होगा कि पांच राज्यों के चुनाव में हार और वरिष्ठ नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने से टूट चुकी कांग्रेस क्या गुजरात, हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कुछ बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।
अपनी राय बतायें