'वाईब्रेंट गुजरात' को मेगा इवेेंट के रूप में पेश किया जाता है और इसे नरेंद्र मोदी की बड़ी कामयाबी बताया जाता है, पर बस वही चीज नहीं है जो इसका मक़सद है और वह विदेश पूँजी निवेश।
गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाले आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी ने कहा है कि उन्हें और उनके बेटे को जान से मारने की कोशिश की गई।
ब्रिटिश सरकार ने 18 से 20 जनवरी तक होने वाले ‘वाइब्रेंट गुजरात’ समिट में भाग लेने से आधिकारिक तौर पर इनकार कर दिया है, जबकि अमरीका, ऑस्ट्रेलिया आदि ने भागेदारी से पीछे हटने की पुष्टि नहीं की है। ये देश पीछे क्यों हट रहे हैं?
गुजरात में छात्रों को हाज़िरी के लिए ‘येस सर/मैम’ या ‘प्रेज़ंट सर/मैम’ कहने के बजाय ‘जय हिंद’ या ‘जय भारत’ कहना होगा। क्या इससे देशभक्ति आएगी या ’जय हिंद’ भी ‘येस सर’ का ही दूसरा रूप होगा?