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इसुदान गढ़वी होंगे गुजरात में आप के सीएम चेहरे

आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि गुजरात में इसुदान गढ़वी उसके मुख्यमंत्री के चेहरे होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसका ऐलान किया। केजरीवाल ने कुछ दिन पहले मोबाइल नंबर 6357 000 360 जारी किया था।

उन्होंने कहा था कि इस नंबर पर फोन करके, एसएमएस करके, वॉट्स एप संदेश के जरिए, वॉइस मैसेज या फिर aapnocm@gmail.com पर ईमेल करके गुजरात के लोग सीएम चेहरे को लेकर अपनी राय दे सकते हैं। केजरीवाल ने कहा था कि गुजरात की जनता 3 नवंबर को शाम 5 बजे तक अपने सुझाव भेज सकती है। 

केजरीवाल ने बताया कि इस नंबर पर लगभग 16,48,500 प्रतिक्रियाएं आई और इसमें से 73 फीसद लोगों ने गढ़वी के पक्ष में अपनी मुहर लगाई। केजरीवाल के इस ऐलान के बाद मंच पर मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल इटालिया सहित तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई दी। अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें गले लगाकर बधाई दी। 

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बताना होगा कि पंजाब के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने इसी तरह का अभियान चलाया था और लोगों से पूछा था कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का सीएम उम्मीदवार कौन होना चाहिए। बड़ी संख्या में लोगों ने भगवंत मान के नाम पर मुहर लगाई थी और आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को ही चेहरा बनाया था। पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत मिली थी। 

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय है। 

कौन हैं इसुदान गढ़वी? 

इसुदान गढ़वी गुजराती न्यूज़ चैनल VTV के संपादक रहे हैं और पिछले साल वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। टीवी पत्रकार के तौर पर गढ़वी ने गुजरात के डांग जिले में पेड़ों की कटाई में हुए 150 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस मामले में सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी थी। गढ़वी ओबीसी समुदाय से आते हैं और वह टीवी पर महामंथन शीर्षक से एक शो करते थे। गढ़वी तटीय सौराष्ट्र के द्वारका जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई गुजरात विद्यापीठ से की है। गढ़वी इन दिनों गुजरात में परिवर्तन यात्रा भी निकाल रहे हैं। 

बताना होगा कि गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। पहले चरण में 89 और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग होगी। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। इसमें से 13 सीटें अनुसूचित जाति और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद केजरीवाल की नजर गुजरात पर है। मार्च में पंजाब में सरकार बनाने के बाद से ही केजरीवाल गुजरात के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं।

केजरीवाल ने आईबी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। बीते दिनों दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के वीडियो को लेकर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूरे गुजरात में पोस्टर लगा दिए थे लेकिन केजरीवाल ने डैमेज कंट्रोल करते हुए भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर छापे जाने की मांग बीजेपी और केंद्र सरकार से की है। 

आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी के नेताओं से पूछ रही है कि वह इस मांग के समर्थन में है या नहीं। 

Isudan Gadhvi AAP CM face for Gujarat elections 2022 - Satya Hindi

त्रिकोणीय मुक़ाबला?

गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

क्या बीजेपी को टक्कर दे रही है आप?

गुजरात में बीजेपी साल 1997 से लगातार सत्ता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे पार्टी के बड़े और ताकतवर नेता इसी राज्य से आते हैं। 

पिछले दिनों गुजरात में हुई चुनावी सभाओं में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्बन नक्सल कहकर अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोला है, उससे ऐसा जरूर लगता है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी के द्वारा उसके वोटों में सेंध लगने का डर है। 

Isudan Gadhvi AAP CM face for Gujarat elections 2022 - Satya Hindi

सूरत नगर निगम की जीत

आम आदमी पार्टी को पिछले साल गुजरात में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में शहरी इलाकों विशेषकर सूरत में अच्छी जीत मिली थी। सूरत नगर निगम की 120 में से 27 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी। गुजरात चुनाव को लेकर अगर सोशल मीडिया और टीवी पर नजर दौड़ाएं, तो ऐसा लगता है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच चुनावी लड़ाई है। लेकिन राज्य में कांग्रेस भी एक बड़ी सियासी ताकत है। हार के बावजूद कांग्रेस को हर विधानसभा चुनाव में 40 फीसद के आसपास वोट मिलते रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात में जीत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छा-खासा जोर लगाना पड़ा था लेकिन तब भी बीजेपी की सीटें कम हुई थी। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। 

आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में भी गुजरात का विधानसभा चुनाव लड़ा था हालांकि तब पार्टी ने सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी।

यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी होगा कि आम आदमी पार्टी ने साल 2012 में अपनी स्थापना के बाद 10 सालों के भीतर ही दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली है। दिल्ली में वह लगातार तीसरी बार सत्ता में आ चुकी है।

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हालांकि आम आदमी पार्टी ने साल 2022 के फरवरी-मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव में पंजाब के साथ ही गोवा और उत्तराखंड में भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन गोवा में उसे सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी जबकि उत्तराखंड में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी अधिकतर सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। 

क्या वाकई आम आदमी पार्टी गुजरात में इस बार कुछ कमाल कर सकती है, इसका पता चुनाव नतीजे आने के बाद ही चलेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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