महात्मा गांधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे क्या किसी के लिए भी आदर्श हो सकता है? कुछ नफ़रत फैलाने वालों को छोड़ दिया जाए तो शायद इसका जवाब 'नहीं' होगा। लेकिन गुजरात के कुछ स्कूलों में नाथूराम गोडसे का ऐसा ही महिमामंडन किए जाने का मामला आया है। सोमवार को वलसाड ज़िले के कई सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के लिए 'मेरे आदर्श नाथूराम गोडसे' विषय पर भाषण प्रतियोगिता की गई। भाषण प्रतियोगिता में कक्षा 5 से 8 तक के छात्रों ने भाग लिया। इसके लिए पुरस्कार भी दिए गए। यह वही गोडसे है जिसको 1949 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए फांसी दी गई थी।
स्कूलों में कराई गई इस प्रतियोगिता के बारे में जब विवाद हुआ तब गुजरात सरकार के एक अफ़सर युवा विकास अधिकारी नीताबेन गवली को निलंबित किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्यक्रम गुजरात सरकार के युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधि विभाग के तहत जिला स्तरीय बाल प्रतिभा शोध प्रतियोगिता के रूप में एक स्व-वित्तपोषित स्कूल कुसुम विद्यालय में किया गया था।
इस कार्यक्रम में ज़िले के 25 विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों ने भाषण, लोक संगीत, लोकगीत, निबंध लेखन, चरित्र भूमिका, भजन, लोक नृत्य और शिल्प आदि श्रेणियों की स्पर्धा में भाग लिया। उसी दिन पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार कुसुम विद्यालय स्कूल के अधिकारियों ने विवाद होने के बाद कहा है कि उन्होंने कार्यक्रम की मेजबानी के लिए केवल अपना परिसर उधार दिया था और स्कूल से किसी ने भी इसमें भाग नहीं लिया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने इस घटना की निंदा की और ट्वीट किया, 'वलसाड में भाषण प्रतियोगिता के नाम पर बच्चों को गोडसे को हीरो और महात्मा गांधी के प्रति नफ़रत स्थापित करने का निहायती घटिया प्रयास शर्मनाक है।'
वलसाड (गुजरात) में वक्तृत्व स्पर्धा के नाम पर बच्चों के दिमाग में,
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) February 16, 2022
गोडसे को हीरो और महात्मा गांधी के प्रति नफ़रत स्थापित करनें का निहायती घटिया प्रयास शर्मनाक है।
बहुत हो गया अब, गोडसे महिमा मंडन बंद करे @BJP4Gujarat सरकार!
नहीं तो ऐसा जन आंदोलन होगा जो भाजपा को उड़ा ले जाएगा।
उन्होंने एक सार्वजनिक आंदोलन की चेतावनी दी और कहा कि यह बीजेपी को ले उड़ेगा यदि इसने गोडसे की 'पूजा' बंद नहीं की तो।
वैसे, महात्मा गांधी और उनके हत्यारे नाथूराम पर बयान को लेकर बीजेपी के नेता कई बार विवाद खड़ा कर चुके हैं। बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता चुकी हैं जिसके लिए बीजेपी की काफ़ी आलोचना हुई थी। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, 'महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे सबसे बड़े देशभक्त थे और जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें।' हालाँकि प्रधानमंत्री मोदी की नाराज़गी के बाद साध्वी प्रज्ञा ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी।
उसी वक़्त बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था, 'मैं खुश हूं कि करीब सात दशक के बाद आज की पीढ़ी नए बदलाव के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रही है। इस चर्चा को सुनकर आज नाथूराम गोडसे अच्छा महसूस कर रहे होंगे।' बीजेपी नेता नलिन कुमार कतील ने कहा था, 'गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को मारा, राजीव गांधी ने 17 हजार को मारा। अब आप खुद तय कर लो कि कौन ज़्यादा क्रूर है।'
2020 में आंध्र प्रदेश के एक बीजेपी नेता रमेशनायडू नगोथू ने ट्वीट कर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सलामी दी थी और उसे सच्चे और भारतभूमि में जन्मे सबसे महान देशभक्तों में से एक बताया था।
बहरहाल, गांधी के हत्यारे गोडसे को लेकर हुई इस विवादित प्रतियोगिता की ख़बर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो ज़िला शिक्षा कार्यालय ने इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी बी डी बरैया ने कहा, 'हमें इस आयोजन के बारे में जानकारी नहीं थी क्योंकि यह ज़िला युवा विकास कार्यालय द्वारा योजनाबद्ध और कार्यान्वित किया गया था। युवा विकास कार्यालय ने 8 फरवरी को ज़िले के सभी 25 सरकारी और निजी स्कूलों को पत्र भेजकर 14 फ़रवरी को वलसाड के तीथल रोड पर कुसुम विद्यालय में होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्रों की भागीदारी की मांग की थी। निर्णायक भी युवा विकास कार्यालय से नियुक्त किए गए थे।'
वलसाड ज़िला कलेक्टर क्षिप्रा अग्रे ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, 'हमने संबंधित अधिकारी नीताबेन गवली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। गांधीनगर में सांस्कृतिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
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