गुजरात के तापी जिले की एक अदालत ने हाल ही में एक ट्रक में 16 गायों को तस्करी करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए अदालत ने गाय की महता के बारे में जो बातें कहीं, वे बेहद दिलचस्प हैं। अदालत ने गाय की विशेषता बताते हुए कई वैज्ञानिक दावे किए। इसने यहाँ तक कहा कि गौहत्या रुक जाए तो दुनिया में सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
बहरहाल, अदालत ने टिप्पणी में क्या-क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि पूरा मामला क्या है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद अमीन से संबंधित एक आपराधिक मामला था। अमीन को 27 अगस्त, 2020 को अवैध रूप से 16 से अधिक गायों और बछड़ों को एक भरे हुए ट्रक में ले जाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। उसमें मवेशियों के बैठने, खाने या पीने की कोई ठीक व्यवस्था नहीं थी।
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी पर गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, गुजरात नियंत्रण पशु परिवहन आदेश 1975 और गुजरात आवश्यक वस्तु और पशु नियंत्रण अधिनियम 2015 और केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2015 के संबंधित प्रावधानों के तहत मुक़दम दर्ज किया गया था।
इसी मामले में अदालत ने कई सजाओं के अलावा आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। इसी सजा को सुनाते हुए अदालत ने सख़्त टिप्पणी की। सत्र न्यायाधीश एस. वी. व्यास ने कहा कि धर्म गाय से पैदा होता है...।
रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने संस्कृत के एक श्लोक को भी उद्धृत किया जिसमें कहा गया कि अगर गाय विलुप्त हो जाती है, तो ब्रह्मांड का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा और वेद के सभी छह अंगों की उत्पत्ति गायों के कारण हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने एक अन्य श्लोक को पढ़ा जिसका मोटा-मोटा अनुवाद है, 'जहाँ गायें सुखी रहती हैं, सभी धन और संपत्ति प्राप्त होती है। जहाँ गायें दुखी रहती हैं, धन और संपत्ति दुखी रहती है और गायब हो जाती है... गाय रुद्र की माँ है, वसु की बेटी, अदितिपुत्रों की बहन और ध्रुतरूप अमृत का खजाना है।'
इसी अदालत ने टिप्पणी की, 'गाय केवल एक जानवर नहीं है, बल्कि यह माँ है। इसलिए इसे माँ का नाम दिया गया है। एक गाय 68 करोड़ पवित्र स्थानों और तैंतीस करोड़ देवताओं का जीवित ग्रह है। ...जिस दिन गाय के रक्त की एक बूंद भी पृथ्वी पर नहीं गिरेगी, पृथ्वी की सभी समस्याएं हल हो जाएंगी और पृथ्वी चंगी हो जाएगी। बहुत लोग हैं जो गौ रक्षा और गौ पालन की बात करते हैं लेकिन अमल में नहीं लाते हैं।'
लाइव लॉ की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोर्ट ने यह भी कहा कि विज्ञान ने साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हैं और गौमूत्र के उपयोग से कई लाइलाज बीमारियों का इलाज हो जाता है।
न्यायाधीश ने गोहत्या को जलवायु परिवर्तन से भी जोड़ा। अदालत ने कहा, 'आज जो समस्याएं हैं, वे बढ़ती चिड़चिड़ेपन और गर्म स्वभाव के कारण हैं। वृद्धि का एकमात्र कारण गायों का वध है। जब तक इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जाती है, तब तक सात्विक जलवायु परिवर्तन का प्रभाव नहीं हो सकता है।' अदालत का 24 पन्नों का यह फ़ैसला नवंबर महीने में आया था।
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