गुजरात में आम आदमी पार्टी के संयोजक गोपाल इटालिया को दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया था लेकिन तीन घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
गोपाल इटालिया के खिलाफ यह कार्रवाई कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर की गई थी। इटालिया का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसे लेकर उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने इसमें प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। गोपाल इटालिया को हिरासत में लिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
इस मामले में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग ने नोटिस दिया था। गोपाल इटालिया गुरुवार को दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय महिला आयोग के दफ्तर में पेश हुए थे जहां से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
आम आदमी पार्टी ने बोला था हमला
गोपाल इटालिया को हिरासत में लिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी मैदान में उतर आई थी और उसके तमाम नेताओं ने बीजेपी पर हमला बोल दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गोपाल इटालिया की गिरफ्तारी से पूरे गुजरात के पटेल समाज में भारी रोष है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि बीजेपी की पुलिस, महिला आयोग और सरकार के अधीन आने वाली हर एक संस्था गोपाल इटालिया के पीछे पड़ी हुई है और पाटीदार समाज से बीजेपी की नफरत आज सबको नजर आ रही है। भारद्वाज ने कहा था कि पुलिस ने गोपाल इटालिया को बिना किसी कारण के ही हिरासत में ले लिया है। उन्होंने कहा कि पहले सरदार पटेल के बच्चों को गोली से मारा गया और अब उनके वंशज को हिरासत में ले लिया गया है।
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि गुजरात में अपनी हार के डर से बीजेपी इस कदर बौखला गई है कि पटेल समाज के युवा, लोकप्रिय नेता गोपाल इटालिया के खिलाफ हर दिन कोई फर्जी वीडियो लेकर सामने आ जाती है। उन्होंने पूछा था कि बीजेपी पाटीदार समाज से किस अपराध का बदला ले रही है।
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा था कि गोपाल इटालिया सरदार पटेल का वशंज है और वह जेल से नहीं डरता।
कौन हैं गोपाल इटालिया?
33 साल के गोपाल इटालिया गुजरात के पाटीदार समुदाय से आते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गोपाल इटालिया ने एक वक्त में गुजरात पुलिस के लिए भी काम किया था। तब वह संविदा में लोक रक्षक दल के जवान के तौर पर काम करते थे। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा पर जूता उछाल दिया था और इस वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। गोपाल इटालिया के राजनीति में आने की शुरुआत पटेलों के आरक्षण के लिए चले आंदोलन से हुई थी।
बताना होगा कि कांग्रेस से बीजेपी में गए हार्दिक पटेल ने साल 2015 में पटेलों के आरक्षण के लिए आंदोलन की शुरुआत की थी। तब हार्दिक पटेल के साथ गोपाल इटालिया भी थे। गोपाल 2020 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। उनकी सक्रियता को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने उन्हें गुजरात इकाई के संयोजक की जिम्मेदारी दी थी।
बीते साल गुजरात में हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में गोपाल ने आम आदमी पार्टी के लिए काफी काम किया था। पाटीदारों के प्रभुत्व वाले इलाके सूरत नगर निगम की 120 में से 27 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी और उसके पीछे गोपाल इटालिया की मेहनत एक बड़ी वजह थी। गोपाल इटालिया सूरत से ही आते हैं।
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