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गुजरात चुनाव: क्या बीजेपी को टक्कर दे रही है आम आदमी पार्टी?

दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की सियासी ख्वाहिश कुछ अन्य राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की है। इस साल मार्च में पंजाब में मिली प्रचंड जीत के बाद से ही आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार हिमाचल और गुजरात के चुनावी दौरे कर रहे हैं। विशेषकर गुजरात में उन्होंने ज्यादा फोकस किया है। 

लेकिन सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी जितनी जोर-शोर से गुजरात में चुनाव लड़ रही है, क्या वहां वह कोई कमाल कर पाएगी। 

बीजेपी और कांग्रेस 

गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। 

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आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में भी गुजरात का विधानसभा चुनाव लड़ा था हालांकि तब पार्टी ने सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। 

सूरत नगर निगम की जीत

लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि वह गुजरात में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। विशेषकर शहरी इलाकों सूरत आदि में उसका संगठन जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रहा है। पिछले साल हुए स्थानीय निकाय के चुनाव में सूरत नगर निगम की 120 में से 27 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी। 

अगर सोशल मीडिया और टीवी को देखें, तो ऐसा लगता है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी और बीजेपी ही चुनावी लड़ाई में हैं। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि कांग्रेस भले ही 1997 से गुजरात की सत्ता से बाहर है लेकिन उसे वहां हर विधानसभा चुनाव में 40 फीसद के आसपास वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में निश्चित रूप से भले ही कांग्रेस इतने सालों तक राज्य में सरकार ना बना सकी हो, लेकिन वह राज्य के अंदर बड़ी सियासी ताकत जरूर है। 

Aam Aadmi Party to fight BJP in Gujarat Elections 2022 - Satya Hindi
अब सवाल यह है कि जिस तरह बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है और उसके नेताओं के बयानों को लेकर उसे घेरने की कोशिश की है, उससे यह सवाल उठता है कि क्या आम आदमी पार्टी गुजरात में बीजेपी के लिए कोई चुनौती बन रही है। याद दिलाना होगा कि केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के एक कार्यक्रम में ली गई प्रतिज्ञाओं को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया था और इसे लेकर पूरे गुजरात के अंदर केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर लगा दिए थे। 

मंत्री का इस्तीफ़ा 

दिल्ली और गुजरात में बीजेपी के तमाम नेताओं ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और इसके बाद केजरीवाल को अपने मंत्री का इस्तीफा लेना पड़ा था। तब बीजेपी ने केजरीवाल की मुसलिम टोपी पहने हुए फोटो उन प्रतिज्ञाओं के साथ लगाई थी जिनमें यह कहा गया था कि मैं राम, कृष्ण आदि को ईश्वर नहीं मानता। ऐसा करके बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल की सॉफ्ट हिंदुत्व वाली राजनीति को एक तरह से ध्वस्त करने की कोशिश की थी क्योंकि अरविंद केजरीवाल बीते कुछ सालों से लगातार मंदिर जा रहे हैं और खुद को हनुमान भक्त बताते रहे हैं। 

Aam Aadmi Party to fight BJP in Gujarat Elections 2022 - Satya Hindi

गोपाल इटालिया पर रार

गुजरात में आम आदमी पार्टी के संयोजक गोपाल इटालिया के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीरा बा को लेकर की गई टिप्पणी पर भी दिल्ली से लेकर गुजरात तक बीजेपी के कार्यकर्ता सड़क पर हैं। दिल्ली में शुक्रवार को महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर जोरदार प्रदर्शन किया है। 

Aam Aadmi Party to fight BJP in Gujarat Elections 2022 - Satya Hindi

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी गोपाल इटालिया की टिप्पणियों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या बीजेपी को वाकई आम आदमी पार्टी से किसी तरह का डर है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने और 25 सालों से लगातार सत्ता में होने की वजह से यह कहना मुश्किल होगा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी बीजेपी को सत्ता से हटाने जा रही है। लेकिन जिस तरह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं में गुजरात में अर्बन नक्सल का मुद्दा उठाया है उससे ऐसा जरूर लगता है कि कहीं ना कहीं बीजेपी को उसके शहरी वोटों में सेंध लगने का डर है। 

यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी होगा कि आम आदमी पार्टी ने साल 2012 में अपनी स्थापना के बाद 10 सालों के भीतर ही दिल्ली और पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली है। दिल्ली में वह लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है।

हालांकि आम आदमी पार्टी ने साल 2022 के फरवरी-मार्च में हुए पांच राज्यों के चुनाव में पंजाब के साथ ही गोवा और उत्तराखंड में भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा था। लेकिन गोवा में उसे सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी जबकि उत्तराखंड में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी अधिकतर सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। 

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क्या वाकई आम आदमी पार्टी गुजरात के अंदर कुछ कमाल कर सकती है, इसका पता चुनाव नतीजे आने के बाद ही चलेगा। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात के अंदर अपनी उपस्थिति बनाने में फेल रही आम आदमी पार्टी पर बीजेपी इतना हमला क्यों कर रही है। 

चुनाव नतीजों का इंतजार 

आम आदमी पार्टी ने गुजरात की जनता से भी तमाम बड़े-बड़े वायदे किए हैं और उन्हें चुनावी गारंटियां भी दी हैं। अरविंद केजरीवाल को उम्मीद है कि ऐसे वायदों के दम पर उन्हें दिल्ली और पंजाब में जीत मिल चुकी है लेकिन क्या गुजरात की जनता उन्हें दिल्ली और पंजाब की तरह समर्थन देगी, इसके लिए चुनाव नतीजों का इंतजार करना होगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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