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स्मृति बार विवाद: एंथोनी परिवार ने कहा- 'हम बार के मालिक हैं'

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी के द्वारा गोवा के असगाओ में ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ चलाए जाने के आरोपों के मामले में नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि स्मृति ईरानी की बेटी ने धोखाधड़ी करके मर चुके एक शख्स के नाम पर बार का लाइसेंस हासिल कर लिया था। लेकिन अब गोवा के एक स्थानीय एंथोनी परिवार ने आबकारी आयुक्त को बताया है कि यह प्रॉपर्टी विशुद्ध रूप से उनकी है और इसमें कोई भी अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है। 

बता दें कि इस मामले में बीते दिनों अच्छा खासा विवाद हो चुका है और दिल्ली हाई कोर्ट ने भी शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा के खिलाफ स्मृति ईरानी के द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर उन्हें समन किया था। अदालत ने ईरानी की बेटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर किए गए ट्वीट और अन्य सोशल मीडिया पोस्ट को 24 घंटे के अंदर हटाने के लिए भी कहा था। अदालत ने कहा था कि तीनों नेता 18 अगस्त को कोर्ट के सामने पेश हों।

गोवा के आबकारी आयुक्त ने इस मामले में इस संपत्ति के मालिकों मर्लिन एंथोनी डी गामा और उनके बेटे डीन डी गामा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब देते हुए मां और बेटे ने कहा है कि उन्होंने गोवा उत्पाद शुल्क अधिनियम 1964 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। 

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वकील ने की थी शिकायत

परिवार को यह कारण बताओ नोटिस वकील आयर्स रॉड्रिक्स की शिकायत पर भेजा गया था। इसमें वकील ने आरोप लगाया था कि शराब के लाइसेंस को इस साल जून में एंथोनी डी गामा के नाम पर रिन्यू कराया गया था जबकि एंथोनी डी गामा की मई, 2021 में मौत हो चुकी है। उन्होंने अपनी शिकायत में बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र को भी संलग्न किया था। 

इसके बाद आबकारी आयुक्त ने नोटिस में कहा था कि रेस्तरां के मालिक 7 दिन के भीतर इसका जवाब दें। उन्होंने शुक्रवार को इस मामले में 1 घंटे से ज्यादा वक्त तक सुनवाई भी की थी।

आयर्स रॉड्रिक्स ने सत्य हिन्दी के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने आबकारी आयुक्त के सामने इस बात को रखा कि इस मामले में आबकारी लाइसेंस धोखाधड़ी करके दिया गया है और यह पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इसके बाद आबकारी आयुक्त ने दो मुद्दों को तय किया और उन्होंने प्रतिवादियों यानी एंथोनी की पत्नी और उनके बेटे को निर्देश दिया कि वे इस बारे में अपना जवाब दें। 

smriti irani daughter Goa Cafe and Bar controversy - Satya Hindi

रॉड्रिक्स ने बताया, पंचायत निदेशक ने स्थानीय ग्राम विकास अधिकारी को इस मामले में जांच करने के लिए कहा है क्योंकि पंचायत की ओर से निर्माण के लिए किसी भी तरह का लाइसेंस रेस्तरां को जारी नहीं किया गया था। 

उन्होंने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने भी इस मामले में जांच का आदेश दिया है क्योंकि जिस जमीन पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का यह रेस्तरां बना है, यह जमीन लो लाइंग फील्ड है और गोवा के कानूनों के मुताबिक, आप किसी भी किराए की जमीन या लो लाइंग फील्ड पर किसी तरह का निर्माण नहीं कर सकते, इसलिए इस मामले में भी आगे की कार्रवाई हो रही है। 

उन्होंने कहा कि आबकारी आयुक्त, पंचायत विभाग और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट सभी इस मामले में कार्रवाई करेंगे और सच सामने आएगा। उन्होंने आबकारी आयुक्त से कहा था कि इस मामले में परिवार ने दूसरे बेटे के नाम को छिपा दिया था। 

क्योंकि एंथोनी डी गामा की मृत्यु हो चुकी है इसलिए उनकी पत्नी और उनके बेटे ने जवाब भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि शिकायत में लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद हैं।

एंथोनी परिवार की ओर से कहा गया है कि संपत्ति के स्वामित्व को ट्रांसफर किए जाने का सवाल ही नहीं पैदा होता क्योंकि प्रतिवादी संख्या 1 यानी मर्लिन एंथोनी डी गामा इस घर और संपत्ति की संयुक्त मालकिन हैं और प्रतिवादी नंबर दो यानी डीन डी गामा प्रतिवादी संख्या एक का क़ानूनी प्रतिनिधि है। 

जवाब में कहा गया है कि 20 अगस्त, 2021 के बाद से ही अपने परिवार की ओर से इस संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी उनके और उनके बेटे के पास है और उन्होंने शराब के लाइसेंस को रिन्यू किए जाने के लिए आवेदन भी किया था। यह लाइसेंस एंथोनी के नाम पर था।
जवाब में कहा गया है कि आबकारी लाइसेंस के लिए जो अर्जी दी गई थी उसमें एंथोनी के बेटे के दस्तखत थे और तब एंथोनी जीवित थे। उन्होंने कहा कि पिता की मौत के बाद जब लाइसेंस रिन्यू हुआ तो गलती से उनके पिता के नाम के आगे स्वर्गीय शब्द नहीं लगा था। उन्होंने जवाब में कहा है कि ऐसा बिलकुल भी जानबूझकर नहीं किया गया। 

एंथोनी के वकील की ओर से कहा गया है कि गोवा में पुर्तगाल सिविल कोड लागू है और इसके अनुच्छेद 1117 (पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867) के अनुसार किसी संपत्ति का स्वामित्व संयुक्त रूप से पति और पत्नी के नाम पर होता है। लेकिन कानून की नजर में एडमिनिस्ट्रेशन का काम हमेशा पति के नाम पर होता है लेकिन जब दंपति में से किसी की भी मौत हो जाती है तो इसका एडमिनिस्ट्रेशन दंपत्ति में से जीवित बचे शख्स के पास आ जाता है। 

इसलिए एंथोनी के मामले में पत्नी स्वत: ही उस संपत्ति की एडमिनिस्ट्रेटर बन गई हैं और आगे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या रेस्तरां का कोई संबंध स्मृति ईरानी या उनके परिवार के सदस्यों से है, वकील ने कहा कि बिलकुल नहीं और इस संपत्ति के मालिक एंथोनी डी गामा का परिवार है। 

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आर्थिक दिक्कतों का हवाला 

अपने जवाब में एंथोनी परिवार ने पति की मौत के बाद हुई आर्थिक दिक्कतों का भी हवाला दिया है और कहा है कि पति की मौत के बाद उनकी आय का सिर्फ एक जरिया यह रेस्तरां ही था, इसलिए यह फैसला लिया गया कि इस संपत्ति को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए दे दिया जाए।

परिवार की ओर से यह भी कहा गया है कि आबकारी आयुक्त के द्वारा उन्हें जो नोटिस दिया गया, इस वजह से उन्हें काफी मानसिक तनाव झेलना पड़ा क्योंकि एंथोनी की पत्नी की उम्र 75 साल है। 

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कांग्रेस ने मांगा था इस्तीफ़ा

इसे लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था और कांग्रेस के नेताओं ने बेटी के द्वारा अवैध रेस्तरां और बार चलाए जाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा मांगा था। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें स्मृति ईरानी की बेटी को एक इंटरव्यू में युवा व्यवसायी के रूप में बताया गया था। कहा गया था कि यह कैफे और बार स्मृति ईरानी की बेटी के द्वारा चलाया जाता है। 

ईरानी ने इस मामले में पलटवार किया था और कहा था कि उनकी बेटी की उम्र 18 साल है और वह एक छात्रा है और उसे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उसकी मां ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में अमेठी में हराया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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