loader

क्या अरविंद केजरीवाल शराब पीने लगे हैं? 

अरविंद केजरीवाल दारूबाज़ हैं, इस दावे के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है। बीजेपी समर्थक फे़सबुक पेज 'वी सपोर्ट नरेंद्र मोदी' ने इस वीडियो को शेयर करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। पोस्ट में लिखा गया, 'शराबी केजरीवाल ने विदेशी दारू पीकर अपनी पोल खोली, एक मुख्यमंत्री यह नीच हरकत करेगा तो दिल्ली जैसे राज्य का कैसे भला होगा? शराबी केजरीवाल को देखो, दारू पीकर होश में नहीं है।'
delhi chief minister arvind kejriwal drunk video viral on social media - Satya Hindi
'वी सपोर्ट नरेंद्र मोदी' पेज पर शेयर किए गए वीडियो का स्क्रीन शार्ट
इस वीडियो को 'मिथुन' नाम के यूजर ने भी ट्वीट किया। ट्विटर पर इस वीडियो को ख़बर लिखे जाने तक 1600 बार रीट्वीट किया गया। इसके अलावा इस वीडियो को 'अर्नब गोस्वामी' नाम के एक फ़ेसबुक पेज ने भी शेयर करते हुए लिखा, 'शराबी केजरीवाल।' सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल का यह वीडियो अपलोड होते ही चारो तरफ आग की तरफ फैल गया। इतना ही नहीं इस वीडियो को लेकर फेसबुक पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। 
delhi chief minister arvind kejriwal drunk video viral on social media - Satya Hindi

वायरल वीडियो का सच

वायरल वीडियो की सत्यता को जानने के लिए जब हमने इंटरनेट पर पड़ताल शुरु की, तो हमें यही वीडियो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर मिला। इस पेज पर वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया, कि 'कैप्टन और बादल साहब बोल रहे हैं की ये उनका आख़िरी चुनाव है। जिसका आख़िरी चुनाव हो उसे कभी वोट नहीं देना चाहिए।' इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल एक कार में बैठ कर अपना वीडियो बनाकर बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं।यह भी पढे़ं: केजरीवाल को दारुबाज़ बताने वाला निकला पुराना 'आप' कार्यकर्ता

इस वीडियो और वायरल हो रहे वीडियो में अंतर यह है कि वायरल वीडियो को एडिट कर स्लो मोशन किया गया जिससे आवाज़ शराबी की तरह लड़खड़ाती सी लग रही है। केजरीवाल के ख़िलाफ़ झूठा प्रचार करने के लिए इस वीडियो में जानबूझकर यह फ़र्जीवाड़ा किया गया है। अरविंद केजरीवाल के फ़ेसबुक पेज पर यह वीडियो 2 साल पहले यानी कि 2017 में पंजाब चुनाव के दौरान अपलोड किया गया था। हमारी पड़ताल में 'शराबी केजरीवाल' का दावा पूरी तरीके से झूठा साबित हुआ है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असत्य से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें