किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने योगेंद्र यादव के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। यादव पर यह कार्रवाई लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए बीजेपी के एक कार्यकर्ता के घर जाने पर हुई है। यादव को एक महीने के लिए निलंबित किया गया है।
इस दौरान वह किसान मोर्चा की किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। पंजाब के किसान संगठनों ने यादव के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की थी। लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों को गाड़ियों से रौंद दिया गया था। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी हैं।
भारतीय किसान यूनियन, दोआबा के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने एनडीटीवी को बताया कि 32 किसान संगठनों की मांग है कि यादव बीजेपी के कार्यकर्ता के घर जाने को लेकर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें।
तीन कार्यकर्ताओं की मौत
लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों के साथ ही बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निषाद और हरि ओम मिश्रा की भी भीड़ ने जान ले ली थी। किसानों पर गाड़ी चढ़ाए जाने के बाद ग़ुस्साए लोगों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले में शामिल दो गाड़ियों को आग लगा दी थी। भारी दबाव के बाद पुलिस को आशीष मिश्रा को गिरफ़्तार करना पड़ा था।
अब तक 10 लोग गिरफ़्तार
इस मामले में अब तक कुल 10 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। गिरफ़्तार किए गए लोगों में बीजेपी नेता सुमित जायसवाल भी शामिल है। वह किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक गाड़ी में मौजूद था और घटना के बाद बचकर भाग निकला था। घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था, इसमें वह साफ दिखाई दिया था।
बर्खास्तगी की मांग
किसान नेताओं ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी की घटना के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मोदी कैबिनेट से हटाया जाए और उनकी गिरफ़्तारी हो।
लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में किसानों के द्वारा रेल रोको आंदोलन भी किया जा चुका है। देश भर में 160 से ज़्यादा ट्रेनों पर इसका असर हुआ था। इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में किसान और विपक्ष लगातार आंदोलन कर रहा है। 26 अक्टूबर को लखनऊ में मुज़फ्फरनगर की महापंचायत की तर्ज पर रैली करने का एलान भी किसानों ने किया है।
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