उफनती यमुना अब धीरे-धीरे शांत हो रही है। पुराने रेलवे पुल पर नदी के प्रवाह में कमी आ रही है। जल स्तर पहले से घटा है। लेकिन यमुना नदी का जल स्तर 207.62 मीटर दर्ज किया गया - जो अभी भी खतरे के स्तर से ऊपर है। आज 15 जुलाई को सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर 207.53 मीटर दर्ज किया गया।
इस सप्ताह की शुरुआत में यमुना का जल स्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों - आईटीओ, शांति वन क्षेत्र, आयकर कार्यालय और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में बाढ़ आ गई थी। पानी घटने के बावजूद यह नहीं कहा जा सकता है कि बाढ़ का संकट अब खत्म हो गया है। यमुना जब तक खतरे के निशान से नीचे नहीं जाती, आशंका बरकरार रहेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज 15 जुलाई को कहा कि यमुना में पानी का स्तर धीरे धीरे कम हो रहा है। अगर फिर से तेज बारिश नहीं हुई तो जल्द स्थिति नार्मल हो जाएगी। चन्द्रावल और वज़ीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से पानी निकालना चालू कर दिया। इसके बाद मशीनें सुखायेंगे। दोनों प्लांट्स कल तक ही चालू हो पायेंगे
कृपया सावधानी बरतें और एक दूसरे की मदद करें।
तीन दिन पहले 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ने के बाद आज शनिवार सुबह 7 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटकर 207.62 मीटर पर आ गया।
शुक्रवार रात 11 बजे यमुना का जलस्तर 207.98 मीटर दर्ज किया गया थ। यमुना का जलस्तर कम होने पर गुरुवार को बंद पड़े ओखला जल शोधन संयंत्र को खोल दिया गया।
यमुना नदी में उफान जारी है और इसके कारण दिल्ली में जलभराव के कारण आसपास के इलाके और प्रमुख सड़कें प्रभावित हैं।
राजधानी में बाढ़ के कारण दिल्ली सरकार को स्कूल, कॉलेज, शवदाह गृह और जल शोधन संयंत्र भी बंद करने पड़े। दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण यमुना के आसपास के श्मशान घाटों में भी पानी भर गया है।
ओखला जल उपचार संयंत्र को फिर से शुरू करने के बाद, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर शनिवार सुबह तक यमुना नदी का जल स्तर 207.7 मीटर तक कम हो जाता है, तो वजीराबाद और चंद्रावल में अन्य दो जल उपचार संयंत्रों को भी फिर से शुरू किया जाएगा।
और बारिश का अनुमान
राजधानी के लिए संकट अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। दिन में मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की भविष्यवाणी की गई है। क्षेत्रीय मेट्रोलॉजिकल सेंटर ने दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक आमतौर पर बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है।
इस बार बाढ़ का सबक यह है कि दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के ड्रेन रेगुलटेर पर हमेश नजर रखी जाए। इसने दिल्ली सरकार की मुसीबत ज्याद बढ़ाई। इसको नुकसान होने से यमुना का पानी वापस शहर की ओर बहने लगा।
इंद्रप्रस्थ बस स्टैंड और डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास लगे सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के रेगुलेटर को रेत की बोरियां, ब्रेस और बोल्डर से मरम्मत करनी पड़ी।
ड्रेन रेगुलेटर के तटबंध के टूटने से आईटीओ जैसे दिल्ली के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया, बाढ़ का पानी सुप्रीम कोर्ट परिसर के करीब पहुंच गया, जिससे लोगों को कठिनाई हुई।
इलाके में एक नाले के बैकफ्लो के कारण राजघाट स्थित महात्मा गांधी स्मारक में भी पानी घुस गया। पानी नाले के माध्यम से शहर में बहने लगा, जिससे रिंग रोड, इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन, आईपी डिपो, आईटीओ और विकास मार्ग में पानी भर गया और यह सुप्रीम कोर्ट के प्रवेश द्वार तक पहुंच गया। ड्रेन रेगुलेटर के लिए दिल्ली सरकर को अलग से एक टीम तैनात करना चाहिए।
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