सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उनके चुनावी भाषणों पर कार्रवाई की मांग करने वाली ईडी की याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। ईडी ने कहा कि केजरीवाल का यह दावा कि अगर लोगों ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया तो उन्हें "वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा। लोगों का इंडिया गठबंधन को वोट "सिस्टम के चेहरे पर तमाचा" होगा। ईडी ने इस बयान के आधार पर केजरीवाल की जमानत रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा-
“
केजरीवाल की टिप्पणी उनकी निजी राय है। यह उनकी धारणा है... हम कुछ नहीं कह सकते। हमारा आदेश (मुख्यमंत्री के 2 जून को जेल लौटने पर) स्पष्ट है। यही है इस अदालत का निर्णय (और) है, हम कानून के शासन द्वारा शासित होंगे...
-सुप्रीम कोर्ट, 16 मई 2024 सोर्सः लाइव लॉ
ईडी ने तमाम दलीलें दीं। अदालत ने चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए गिरफ्तार राजनीतिक नेताओं को जमानत मिलने की संभावित मिसाल के बारे में तमाम तर्क सुनने के बाद कहा कि उन्होंने (अदालत) अलग हटकर या अलग "अपवाद" वाला फैसला नहीं सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-
“
हम फैसले की आलोचना का स्वागत करते हैं। हम उस पर नहीं जाएंगे। हमारा आदेश स्पष्ट है कि उन्हें (केजरीवाल को) आत्मसमर्पण करना होगा। यह शीर्ष अदालत का आदेश है। कानून का शासन है। इसके द्वारा शासित हों। हमने किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया।
-सुप्रीम कोर्ट, 16 मई 2024 सोर्सः लाइव लॉ
कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। आप प्रमुख को 2 जून को आत्मसमर्पण कर वापस जेल जाना होगा।
अपनी राय बतायें