पिछले हफ़्ते शाहीन बाग़ में फ़ायरिंग करने के आरोपी के आम आदमी पार्टी से जुड़े होने का दावा करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेश देव को चुनाव आयोग ने चुनाव ड्यूटी से हटा दिया है। इसके साथ ही आयोग ने इस संबंध में क्राइम ब्रांच के इस अधिकारी डीसीपी देव को पत्र भेजा है और उस मामले में 'राजनीतिक संदर्भ' वाला बयान देने के लिए चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि उन्हें चुनाव ड्यूटी में न लगाया जाए।
देव ने मंगलवार को मीडिया को बताया था कि आरोपी के मोबाइल फ़ोन से मिली तसवीर से यह खुलासा हुआ है कि वह आम आदमी पार्टी का सदस्य है। केजरीवाल की पार्टी आप ने राजेश देव के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत की थी।
चुनाव आयोग ने पत्र में कहा है, ' 4 फ़रवरी 2020 को डीसीपी ने उस मामले में मीडिया को जाँच के बारे में बताया जिसका राजनीति से लेनादेना है, यह आयोग को बताया गया है। शाहीन बाग़ प्रदर्शन स्थल के पास हुई फ़ायरिंग मामले की जाँच का हवाला देते हुए राजेश देव ने मीडिया को बताया था कि आरोपी और उसके पिता एक साल पहले एक राजनीतिक पार्टी में शामिल हो गए थे और इसमें साज़िश के एंगल को स्थापित किया जाएगा।'
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जब राजधानी में चुनाव होने वाले हैं फिर ऐसे समय में किसी जाँच में राजनीतिक पार्टी का ज़िक्र करना अनुचित है। आयोग ने साफ़-साफ़ कहा है कि राजेश देव के बयान से चुनाव की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।
इससे पहले मंगलवार शाम को यह ख़बर आई थी कि कपिल ने दिल्ली पुलिस के सामने इस बात को स्वीकार किया कि वह 2019 की शुरुआत में 'आप' में शामिल हुआ था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक़, कपिल ने यह भी कहा कि उसके पिता गजे सिंह भी 'आप' से जुड़े हैं और दोनों ही 2019 में पार्टी में शामिल हुए थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दावा किया गया था कि कपिल गुर्जर के मोबाइल फ़ोन से उसकी 'आप' के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ फ़ोटो मिली थीं। लेकिन 'आप' की ओर से पुलिस के कपिल के 'आप' का सदस्य होने के दावे को पूरी तरह ग़लत बताया गया था।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया था, ‘हमें जांच के दौरान उसके फ़ोन से ये फ़ोटो मिली हैं। कपिल ने स्वीकार किया है कि वह और उसके पिता जनवरी-फ़रवरी 2019 में 'आप' में शामिल हुए थे।’
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