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दिल्ली: बीजेपी बोली- अकबर रोड, तुगलक रोड का नाम बदला जाए

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली में कई सड़कों के नाम बदले जाने की मांग की है। आदेश गुप्ता ने इस संबंध में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद यानी एनडीएमसी के चेयरमैन को पत्र लिखा है। गुप्ता दिल्ली में 40 गांवों के नाम बदले जाने की मांग भी दिल्ली सरकार से कर चुके हैं।

बीजेपी अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि नई दिल्ली में स्थित तुगलक रोड का नाम मुगल काल की गुलामी का प्रतीक है और इसका नाम बदलकर गुरु गोविंद सिंह मार्ग किया जाए। इसी तरह अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप मार्ग किया जाए और औरंगजेब लेन का नाम बदलकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर किया जाए। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और फैजाबाद जिलों के नाम बदले जाने के बाद कई राज्यों में नामों को बदलने की मांग उठी है। 

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कुछ दिन पहले दिल्ली में ही मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम करने की मांग उठी थी और माधवपुरम लिखा एक पोस्टर भी सोशल मीडिया पर आया था।

बाबर लेन, हुमायूं रोड 

आदेश गुप्ता ने कहा है कि बाबर लेन का नाम बदलकर क्रांतिकारी देशभक्त खुदीराम बोस और हुमायूं रोड का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि रोड किया जाना चाहिए। इसी तरह शाहजहां रोड का नाम भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रहे जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने की मांग बीजेपी नेता ने की है। 

उन्होंने इस पत्र को नई दिल्ली की सांसद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एनडीएमसी के वाइस चेयरमैन सतीश उपाध्याय सहित एमडीएमसी के बाकी सदस्यों को भी भेजा है। उन्होंने लिखा है कि यह सभी नाम हमारी गुलामी के प्रतीक रहे हैं और इस बारे में उनके द्वारा प्रस्तावित किए गए नामों का संज्ञान लेकर शीघ्र फैसला किया जाए। 

नाम बदले जाने की यह सियासत उत्तर प्रदेश से शुरू हुई थी और दूसरे कई राज्यों में पहुंच गई है। बीते साल मध्य प्रदेश में भी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया था।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कुछ दिन पहले राजधानी के 40 गांवों के नाम खेल, कला और संस्कृति से जुड़ी बड़ी हस्तियों के नाम पर रखने की मांग भी उठाई थी। 
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इन गांवों का नाम बदलने की मांग 

जिन गांवों का नाम बदले जाने की मांग की गई है उनमें बेगमपुर, सैदुल्लाजाब, फतेहपुर बेरी, शेख सराय, नेब सराय, जफरपुर कलां,  कादीपुर, नसीरपुर, हसनपुर, ग़ालिब पुर, ताजपुर खुर्द, नज़फगढ़ आदि शामिल हैं। आदेश गुप्ता ने कहा है कि भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और ऐसे में दिल्ली का कोई भी शख्स गुलामी के किसी भी प्रतीक को नहीं चाहता और विशेषकर इन गांवों के लोग इन नामों के पक्ष में बिलकुल भी नहीं हैं।

आदेश गुप्ता ने कहा था कि दिल्ली अब मुगलों की सराय नहीं है बल्कि यह देश की राजधानी है और इन गांवों के युवा ही गुलामी के इन प्रतीकों को अपने साथ नहीं ढोना चाहते।

यूपी में आए कई प्रस्ताव

उधर, उत्तर प्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार बनते ही कई जिलों और इलाकों के नाम बदले जाने के प्रस्ताव सरकार के पास आने लगे हैं। इनमें फर्रुखाबाद का नाम पांचाल नगर, सुल्तानपुर का नाम कुश भवनपुर, अलीगढ़ का नाम हरि गढ़, मैनपुरी का नाम मयन नगर, फिरोजाबाद का नाम चंद्र नगर, आगरा का नाम अग्रवन, मुजफ्फरनगर का नाम लक्ष्मी नगर, उन्नाव जिले के मियागंज का नाम मायागंज और मिर्जापुर का नाम विंध्य धाम रखने का प्रस्ताव है।

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क़मर वहीद नक़वी
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