प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस संविधान बचाओ की बात करती है लेकिन आपातकाल के दौरान इन्हें संविधान याद नहीं रहा। इन्होंने लोगों से जीने का कानून छीन लिया था। कांग्रेस ने दर्जनों बार राज्य सरकारों को बर्खास्त किया।’ नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग़ में चल रहे धरने को लेकर मोदी ने नाम लिये बिना कहा, ‘संविधान की वकालत के नाम देश में क्या-क्या हो रहा है। वोट बैंक की राजनीति करने वाले वहां जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंदोलन ऐसा होना चाहिए जिससे आम लोगों को परेशानी न हो।’ उन्होंने शेर पढ़ते हुए कहा - ‘ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। साफ़ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।’
राहुल गाँधी जनसभा में बेरोज़गारी के मुद्दे पर बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, अगर नई जेनरेशन को रास्ता नहीं दिखता तो युवाओं के दिल में गुस्सा पैदा होता है और इस गुस्से का फायदा नरेंद्र मोदी उठाते हैं। मगर गुस्से का सच्चा कारण बेरोज़गारी है।’ राहुल ने आगे कहा, ‘हिंदुस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोज़गार देना है और आप देखना ये जो नरेंद्र मोदी अभी भाषण दे रहा है, मैं आपको बता रहा हूं 7-8 महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पायेगा। हिंदुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोज़गार दिये बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता है।’
राहुल ने इस दौरान कहा कि भारत में बेरोज़गारी 45 साल में सबसे ज़्यादा हो गई है लेकिन बजट में या राष्ट्रपति के अभिभाषण में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि देश का हर युवा आज रोज़गार मांग रहा है। राहुल ने इसके अलावा कोंडली और अन्य विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभा की और कहा कि पिछले पांच सालों में देश के सांप्रदायिक सौहार्द्र को ख़त्म कर दिया गया है।
‘मोदी और गोडसे की विचारधारा एक’
कुछ दिन पहले केरल के कलपेट्टा में आयोजित एक रैली में भी राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा था, ‘नरेंद्र मोदी और महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा एक है। दोनों में कोई अंतर नहीं है, सिर्फ़ इसके कि मोदी में यह हिम्मत नहीं है कि वे यह कह सकें कि वह गोडसे में यकीन करते हैं।’ यह रैली नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ आयोजित गई थी। राहुल ने रैली में यह भी कहा था, ‘नरेंद्र मोदी यह निर्णय करने वाले कौन होते हैं कि मैं भारतीय हूँ या नहीं? किसने उन्हें इस बात का लाइसेंस दिया है कि वे यह फ़ैसला करें कि कौन भारतीय है और कौन नहीं? मैं जानता हूँ कि मैं भारतीय हूँ और मुझे किसी को यह साबित करने की ज़रूरत नहीं है।’
दिल्ली के चुनाव प्रचार में विवादित बयानों का बोलबाला रहा। चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान की भी एंट्री हुई और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि 8 फ़रवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुक़ाबला होगा। इसके अलावा बीजेपी नेताओं के निशाने पर नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में शाहीन बाग़ में चल रहा आंदोलन भी रहा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं ने शाहीन बाग़ के धरने को निशाने पर रखा। शाह अपनी लगभग हर सभा में कहते रहे कि ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबायें कि करंट शाहीन बाग़ में लगे। इसके अलावा पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ में बैठे लोगों को लेकर घरों में घुसकर रेप करेंगे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'देश के गद्दारों को, गोली मारो…का' नारा लगाया और लगवाया।
प्रवेश वर्मा और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर केजरीवाल को आतंकवादी कहने से नहीं चूके। जावड़ेकर ने तो यहां तक कहा कि केजरीवाल के आतंकवादी होने के बहुत सबूत हैं। इन सारे बयानों के बीच राहुल गाँधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिया गया यह बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।
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