प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप पिछले दिनों लगा था। इसकी शिकायतें मिलने पर चुनाव आयोग ने इनकी पार्टी के अध्यक्षों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा है कि नोटिसों का जवाब इन पार्टियों के अध्यक्षों ने दे दिया है।
चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता लागू होने पर मंगलवार को अपनी दूसरी रिपोर्ट पेश की है। इसमें आयोग ने कहा है कि इससे जुड़ी करीब 90 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा हो चुका है। कांग्रेस और भाजपा से जुड़ी कुछ शिकायतें अभी भी पेंडिंग है।
चुनाव आयोग ने बताया है कि उसे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी 425 शिकायतें मिली थी जिसमें से अब तक 400 का निपटारा हो गया है। इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा 170 शिकायतें दर्ज करवाई गई थीं। वहीं भाजपा की तरफ से 95 और अन्य पार्टियों की तरफ से160 शिकायतें आयोग को मिली थीं।
बीते 25 अप्रैल को आयोग ने कांग्रेस और भाजपा द्वारा एक दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों ही दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को नोटिस जारी कर इस पर जवाब देने को कहा था। दोनों ही दलों ने एक दूसरे पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
यह नोटिस इसलिए भी अहम और कुछ अलग था क्योंकि पहली बार चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों को नोटिस न जारी कर उनके अध्यक्षों के नाम नोटिस जारी किया था। तब यह बात कही जा रही थी कि स्टार प्रचारकों के विवादित भाषणों के लिए आयोग ने उनकी पार्टी के अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है।
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आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का है आरोप
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने कहा है कि कांग्रेस और भाजपा की एक दूसरे के खिलाफ कुछ शिकायतें अभी भी लंबित हैं। इनमें स्टार प्रचारकों द्वारा सांप्रदायिक, जाति, क्षेत्रीय भाषा विभाजन या भारत के संविधान की पवित्रता पर दिए गए बयान शामिल हैं। इनको लेकर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।रिपोर्ट कहती है कि पूर्व के समय में आयोग नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर नोटिस जारी करता था जिन पर आरोप रहता था कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। लेकिन अब आयोग ने नया तरीका अपनाया है। आयोग अब स्टार प्रचारकों पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगने पर उस पार्टी के अध्यक्ष को नोटिस जारी करने लगा है।
द हिंदू की रिपोर्ट कहती है कि आयोग ने 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शिकायतों के आधार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी किया था। लेकिन आयोग ने यह नोटिस पीएम मोदी को न भेज कर भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा गया था। इस नोटिस में प्रधानमंत्री के नाम का भी उल्लेख नहीं किया गया था।
हालांकि इस नोटिस के साथ संलग्न शिकायतों में पीएम मोदी द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए गए विवादित चुनावी भाषण के खिलाफ कांग्रेस की शिकायतों के साथ ही साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) जैसी पार्टियों की शिकायतें भी थीं।
वहीं कांग्रेस नेता और स्टार प्रचारक राहुल गांधी के खिलाफ आयोग के पास दर्ज शिकायतों के मामले में भी आयोग ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसी तरह का नोटिस भेज कर जवाब मांगा था। अब आयोग ने इस पर ही कहा है कि दोनों ही पार्टियों के अध्यक्षों ने इन नोटिसों का जवाब दे दिया है।
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