सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहिंटन एफ नरीमन ने राज्यसभा से पारित मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 पर कड़ी टिप्पणी की है।
निखिल गुप्ता के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में निखिल गुप्ता को गैरकानूनी तौर पर जेल में रखा गया है। उसे जबरन बीफ खिलाया जा रहा है।
बुधवार 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगा कर लोकसभा में घुसने वाले दोनों आरोपियों और संसद के बाहर नारेबाजी करने वाले उनके दो सहयोगियों को गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता फिर बहाल होगी। गाजीपुर के सांसद रह चुके अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में कुछ महीने पहले ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए चार वर्ष की सजा सुनाई थी।
संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में अब सामने आ रहा है कि इसमें 4 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे। ये सभी लोग विभिन्न राज्यों से हैं और एक ही मकसद से एक जगह एकत्र हुए थे।
बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी सेंध का मामला सामने आया। दोपहर करीब एक बजे लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से दो युवक नीचे सदन में कूद गए और पीले रंग का धुंआ वाली कोई गैस छोड़ दी। इससे पूरी संसद में अफरातफरी का माहौल हो गया।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 दिसंबर को एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि जनवरी 1966 से मार्च 1971 के बीच असम आए प्रवासियों में से 17,861 प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।
राज्यसभा में सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर और धारा 370 के मुद्दें पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए नेहरु को जिम्मेदार ठहराया है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसलो को पीएम मोदी ने ऐतिहासिक बताया है। इस फैसले के बाद विभिन्न राजनैतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इसका स्वागत किया है।
बसपा इसको लेकर जारी अपने एक बयान में कहा है कि दानिश अली को पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान या कार्रवाई के खिलाफ कई बार चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद वे लगातार पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे।
केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को संसद में स्पष्ट किया है कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के सवाल वाले किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं किया है।