दिल्ली विधान सभा के इस चुनाव में बीजेपी के अभियान की कमान पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह के हाथ में थी। चुनाव प्रचार के जितने भी तीर उनके पास थे सब चलाए गए। पर नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया।
जेएनयू में नकाबपोशों के हमले की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन इस मामले में अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हो पाई है और पुलिस चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने उज्ज्वला योजना व दूसरी योजनाओं से जिन महिलाओं को अपनी मुरीद बना लिया था क्या उन्हें अब केजरीवाल ने एक झटके में अपनी तरफ़ कर लिया है?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया लेकिन बीजेपी को इसका ख़ास फायदा नहीं मिला।
कांग्रेस आज दिल्ली में चौराहे पर खड़ी है और हार के बाद पार्टी नेता एक-दूसरे को कोसने में लगे हैं। लेकिन सबसे शर्मनाक बात यह है कि हार के लिये शीला दीक्षित को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।