दिल्ली हिंसा और इस पर पुलिस के रवैये पर हाई कोर्ट ने सख्त नाराज़गी जताई है। हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने देंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसने कहा है कि अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें। कोर्ट का यह फ़ैसला उस एक याचिका पर आया है जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा से जुड़ी है।
दिल्ली हिंसा में एक पुलिसकर्मी सहित 18 लोगों की मौत और 250 से ज़्यादा लोगों के घायल होने के बाद अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को स्थिति काबू में करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।
दिल्ली हिंसा के विरोध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों को हटाने के लिए बुधवार सुबह वाटर कैनन यानी पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नींद तीन दिन बाद अब खुली है। वह भी आधी रात को। या यूँ कहें कि वह अब होश में आए हैं। वह भी तब जब यह हिंसा पूरी तरह बेकाबू हो गई।
नागरिकता क़ानून के समर्थक और विरोधियों के बीच जारी हिंसा के कारण दिल्ली का माहौल ख़ासा तनावपूर्ण है। मंगलवार को भी दिन भर उत्तर-पूर्वी जिले के कई इलाक़ों में आगजनी की घटनाएं हुईं।
जाफराबाद-मौजपुर क्षेत्र में रविवार को शुरू हुई हिंसा के बाद पाँच दिन में मृतकों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है और 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं। अधिकतर लोगों की मौत गोली लगने से हुई है।
दिल्ली में हो रही हिंसा की कवरेज करने जाफ़राबाद गये एक फ़ोटोग्राफ़र भी उपद्रवियों के बीच फंस गये। उन्होंने अपनी जो कहानी बताई है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
नागरिकता क़ानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के कारण दिल्ली का माहौल बेहद तनावपूर्ण है। पुलिस ने फ़ायरिंग करने वाले शख़्स को गिरफ़्तार कर लिया है।
दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ भाषण' को लेकर बीजेपी के ही नेता गौतम गंभीर ने आलोचना की है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि ऐसे नेता के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।