जिस भड़काऊ नारे 'गोली मारो... को' को लगाकर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर चर्चा में रहे थे अब एक ग्रुप ने उसी नारे को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर लगाया है।
दंगाइयों की भीड़ दिल्ली के करावल नगर में रहने वाले लोगों के घरों में घुसना चाहती थी तो ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने दिल्ली की सीमा में घुसकर उन्हें खदेड़ दिया।
एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है कि हिंसा शुरू होने से एक दिन पहले यानी रविवार को ट्रकों में भरकर बाहर से लोग और ईंट-पत्थर लाए गए थे। शायद साथ में हथियार भी हों। इससे साफ़-साफ़ लगता है कि दंगा कराया गया है।
क्या दिल्ली पुलिस अपना काम ठीक से करती तो दिल्ली दंगा हो पाता? बिल्कुल नहीं। अब जो रिपोर्टें आ रही हैं वे सभी इसके सबूत हैं। अब रिपोर्ट आई है कि मदद के लिए या दंगा रोकने के लिए चार दिन में 13 हज़ार से ज़्यादा फ़ोन कॉल पुलिस को किया गया।
दिल्ली पुलिस ने हिंसा मामले में दो विशेष जाँच दल यानी एसआईटी गठित की है। प्रत्येक एसआईटी का नेतृत्व डीसीपी राजेश देव और जॉय टिर्की करेंगे। तो क्या ये दोनों अफ़सर अब हिंसा भड़काने वालों की पहचान कर पाएँगे?
दिल्ली दंगों के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
दिल्ली दंगे में एक बहुत ही ख़तरनाक ट्रेंड दिखता है। इसमें जितने भी लोगों की मौत हुई है उसमें से अधिकतर लोगों को गोली लगी थी। घायलों में भी बहुत बड़ी संख्या उनकी है जो गोली लगने से घायल हुए हैं।
दिल्ली हिंसा में तबाह हुए परिवारों को दिल्ली सरकार आर्थिक मदद करेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए फ़रिश्ते योजना की घोषणा की है। इसके तहत पीड़ित परिवारों को हर तरह की मदद की जाएगी।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह राजधर्म की रक्षा के लिये अपनी शक्तियों का प्रयोग करें। कांग्रेस ने दंगों को लेकर अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग भी की है।