दिल्ली में मरकज़ निज़ामुद्दीन के अलावा गुरुद्वारा मजनूं का टीला में भी 200 से ज़्यादा सिख फंसे हुए थे। इनमें कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम के बाद देश भर में वायरस के संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े तो बुधवार को आनन-फानन में गुरुद्वारे को खाली कराया गया। लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से ही ये सिख परिवार यहां फंसे हुए थे। हैरानी की बात है कि न तो केंद्र और न ही पंजाब सरकार ने इस बारे में ध्यान दिया। गुरुद्वारे को सील कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि इन लोगों को आसपास के स्कूलों में शिफ़्ट किया जा रहा है और सभी का कोरोना टेस्ट करवाया जायेगा। इन लोगों में कुछ लोग पाकिस्तान के नागरिक भी हैं। ऐसे समय में जब सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है और वायरस के संक्रमण का ख़तरा बना हुआ है, ऐसे में गुरुदवारे के प्रबंधन की ओर से इस बारे में प्रशासन या पुलिस को जानकारी दी जानी चाहिये थी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इन सभी को यहां से बाहर निकालना चाहिए था। सिरसा ने कहा कि अमरिंदर को इसके लिये दिल्ली और केंद्र सरकार से मदद मांगनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इनमें से सिर्फ 3 परिवार भारतीय हैं और बाक़ी सब पाकिस्तान के हैं।
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