एमडीएच मसालों के मालिक धर्मपाल गुलाटी का गुरूवार को 97 साल की उम्र में निधन हो गया। निधन की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया है। वह कई हफ़्तों से दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। गुलाटी को सोशल मीडिया पर बेहद पसंद किया जाता था।
गुलाटी एमडीएच के मसालों के विज्ञापन में नज़र आते थे। उन्हें पद्म भूषण अवार्ड मिल चुका था।
गुलाटी का जन्म 1923 में अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था। 5वीं कक्षा के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी के मसालों के कारोबार से जुड़ गए थे।
1937 में उन्होंने अपने पिता की मदद से शीशे, साबुन, हार्डवेयर और चावल बेचने का काम शुरू किया। लेकिन यह काम सफल नहीं हुआ और वे वापस अपने पिता की कंपनी महाशियां दी हट्टी यानी एमडीएच में लौट आए।
1500 रुपये लेकर आए थे भारत
1947 में देश के विभाजन के बाद वह भारत आ गए और दिल्ली पहुंचे। उस वक़्त उनके पास सिर्फ़ 1500 रुपये थे। यहां उन्होंने करोलबाग में अपना स्टोर खोला और धीरे-धीरे कारोबार को बढ़ाना शुरू किया। 1959 में उन्होंने एमडीएच को फिर से शुरू किया। बीते सालों में उन्होंने कई हॉस्पिटल और स्कूल भी बनाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई लोगों ने उनके निधन पर दुख जताया है। केजरीवाल ने कहा है कि उनका व्यक्तित्व प्रेरणा देने वाला था और उन्होंने अपने जीवन को समाज के लिए समर्पित किया था।
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